रांचीः झारखंड हाईकोर्ट ने सरकार को राज्य के सभी जिलों में आठ माह में लैंड सर्वे पूरा करने का निर्देश दिया है। शुक्रवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस एके राय की अदालत ने सरकार को सर्वे की प्रगति रिपोर्ट बाद आठ सप्ताह में कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया। इस संबंध में अधिवक्ता गोकुल चंद ने जनहित याचिका दायर की है।
सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि राज्य में सर्वे का काम शुरू कर दिया गया है। लातेहार और लोहरदगा में सर्वे पूरा हो गया है। सरकार ने कहा कि सभी जिलों को सर्वे पूरा करने में कम से कम छह माह लगेंगे। इस पर अदालत ने सरकार को आठ माह का समय देते हुए प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई आठ सप्ताह बाद होगी।
सुनवाई के दौरान प्रार्थी गोकुलचंद की ओर से अदालत को बताया गया कि वर्ष 1980 से झारखंड में लैंड सर्वे का काम चल रहा है। 40 वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन राज्य सरकार पूरा नहीं करा सकी है। सर्वे पूरा नहीं होने से जमीन माफिया सक्रिय हैं। वह जमीन के दस्तावेज में हेराफेरी कर जमीन की प्रकृति बदल इसकी खरीद-बिक्री कर रहे है। जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है। सिर्फ धनबाद में सर्वे का काम पूरा हुआ है। लैंड सर्वे के लिए समय सीमा तय की जानी चाहिए।