हजारीबाग के बहुचर्चित रूपेश पांडेय हत्याकांड में छह के खिलाफ चार्जशीट
सरस्वती पूजा विसर्जन जुलूस में फरवरी 2022 को की गई थी रूपेश की हत्या
हजारीबाग के बहुचर्चित रूपेश पांडेय हत्याकांड में सीबीआई ने जांच पूरी करते हुए संलिप्त छह आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। दाखिल चार्जशीट में मो. असलम अंसारी उर्फ असलम उर्फ पप्पु मियां, मो. अमिश, मो. कैफ, मो. गुरफान, मो. इरफान एवं मो. इश्तेखार मियां का शामिल है। इसमें से चार आरोपी जेल में और इश्तेखार मियां और अमिश बाहर है। चार्जशीट में आरोपियों पर हत्या, गंभीर चोट पहुंचाना एवं आपराधिक साजिश रचने के आरोप है।
दाखिल चार्जशीट अदालत ने संज्ञान ले लिया है। संज्ञान लेने के बाद मामले के आरोपियों को पुलिस पेपर सौंप दिया गया है। हत्या के आरोप में चार्जशीट होने के कारण सीबीआई के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने रिकॉर्ड को सत्र न्यायालय भेज दिया है। अब इस मामले की सुनवाई सीबीआई की विशेष अदालत में होगी। घटना क्या : घटना 6 फरवरी 2022 को शाम पांच बजे रूपेश पांडेय अपने चाचा के साथ बरही में सरस्वती पूजा देखने गया था। विसर्जन जुलूस के दौरान उन्मादी भीड़ ने रूपेश की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। इस मामले को लेकर बरही थाना में 27 आरोपियों के खिलाफ कांड संख्या 59 /2022 दर्ज कराया गया था। सात फरवरी को पुलिस ने मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया था।
झारखंड विधानसभा में भी मामला उठा था।हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई जांच : झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने दो सितंबर 2022 को हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराने का निर्देश दिया था। पुलिस की जांच संतोषजनक नहीं होने को लेकर इसकी जांच सीबीआई को सौंपी गई। रूपेश पांडेय की मां उर्मिला पांडेय ने सीबीआइ जांच की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। झारखंड विधानसभा में रूपेश पांडेय हत्याकांड का मामला उठाते हुए सीबीआइ जांच की मांग की गई थी। भाजपा नेताओं ने सदन में मामले की सीबीआइ जांच कराने की मांग की थी।झारखंड के पांच जिलों में बंद था इंटरनेट: घटना को लेकर आक्रोशित लोगों ने जीटी रोड को जाम कर दिया था। कई वाहनों में आग भी लगा दी गई थी। मामले ने सांप्रदायिक रूप ले लिया था। इसके बाद सरकार को पहली बार पांच जिलों में इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाना पड़ा था।