Rain water harvestingt in Ranchi : राजधानी रांची में बहुमंजिली इमारतों में लगे रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की जांच वकीलों की कमेटी करेगी। शुक्रवार को हाईकोर्ट ने छह वकीलों की कमेटी बनायी। यह कमेटी रांची नगर निगम के उन दावों की जांच करेगी जिसमें कहा गया है कि भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम(Rain water harvesting system) काम कर रहा है। कमेटी यह देखेगी की रेन वाटर हार्वेस्टिंग काम कर रहा है या नहीं। इसका रखरखाव नियमित होता है या नहीं। कमेटी रांची नगर निगम के तीन अभियंताओं के साथ जांच करेगी। कमेटी अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपेगी।
इस मामले की सुनवाई के दौरान नगर निगम की ओर से अदालत को बताया गया है कि शहर में 710 बहुमंजिली इमारतों में से 648 में वाटर हार्वेस्टिंग है। वाटर हार्वेस्टिंग के प्रति जागरूकता के लिए एनजीओ, सेल्फ हेल्प ग्रुप की मदद ली जा रही है। लोगों को जागरूक करने के लिए पांच हजार और तीन हजार स्टीकर बांटे गए हैं। एफएम रेडियो के माध्यम से भी प्रचार किया जा रहा है। 3000 स्टीकर भी बांटे गए हैं।
इस पर न्याय मित्र ने निगम के दावे पर सवाल उठाया था। न्याय मित्र ने कहा था कि निगम ने अपने जवाब में यह नहीं बताया है कि इन बहुमंजिली इमारतों मे लगे रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम काम कर रहा है या नहीं। उसका रखरखाव हो रहा या नहीं। अंतिम बार निगम की ओर से इनकी कब जांच की गयी थी। इस कारण सभी बहुमंजिली इमारतों में लगे रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की जांच की जानी चाहिए।
सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि रांची के तीनों डैम हटिया कांके एवं गेतलसूद से छह माह तक जलापूर्ति की कोई समस्या नहीं है। इसलिए गर्मी में पेयजल की समस्या नहीं होगी। भविष्य में रांची में पेयजल का संकट न आए इसके लिए निगम और सरकार योजनाएं बना रही है।
कांके डैम, हटिया डैम एवं गेतलसूद डैम का झारखंड स्टेट स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के माध्यम से सेटेलाइट मैपिंग की जाएगी, ताकि इन तीनों डैमों का जल स्रोत, कैचमेंट एरिया, डैम के आसपास के अतिक्रमण आदि की जानकारी हो सके। तीनों डैम के कैचमेंट एरिया से अतिक्रमण हटाया जाएगा ताकि भूमिगत जल स्त्रोत बना रहे।