रांची। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन ने राज्य में कोरोना जांच में देरी होने पर चिंता जताई है। अदालत ने कहा कि जब हाई कोर्ट कर्मियों द्वारा दिए गए जांच रिपोर्ट में इतनी देरी हो रही है, तो राज्य की जनता का क्या होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इससे निपटने के दावे कर रही थी।
लेकिन वर्तमान स्थिति को देखकर कर अव्यवस्था का अंदाजा लगाया जा सकता है। अदालत ने कहा कि राज्य में बढ़ता कोरोना संक्रमण चिंताजनक है। सरकार को इसको काबू करने के लिए कोई उपाय करना होगा।
हाई कोर्ट में कोरोना संक्रमण बढ़ गया है उसके कई कर्मी इसके चपेट में हैं। जिसको देखते हुए हाई कोर्ट ने सभी कर्मियों की जांच कराने का फैसला किया और इसके लिए सभी कर्मियों का सैंपल भी लिया जा रहा है। लेकिन 15 जुलाई से लेकर 17 जुलाई तक लिए गए सैंपल की रिपोर्ट अभी तक नहीं मिली है।
इस पर अदालत ने सरकार से पूछा कि ऐसा क्यों हो रहा है। चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन ने कहा कि स्वास्थ्य सचिव के साथ हुई बैठक में उन्होंने हालात पर काबू पाए जाने का दावा किया था, लेकिन कहीं राज्य के हालात बिहार जैसे न हो जाएं। इसलिए सरकार को इस पर ध्यान देना होगा, ताकि कोरोना संक्रमण पर काबू पाया जा सके।
इस दौरान अदालत ने हाई कोर्ट के नए भवन और ज्यूडिशियल एकेडमी के खाली भवन में आइसोलेशन सेंटर बनाने का सुझाव राज्य सरकार को दिया। अदालत ने कहा कि राज्य सरकार ऐसा करने के लिए एक प्रस्ताव भेज सकती है।
सरकार की ओर से बताया गया कि राज्य में कई कार्यालयों में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। रिम्स को जांच केंद्र में काम करने वाले लोग भी संक्रमित हुए थे। प्रोटोकॉल के तहत दो दिनों तक उसे सेनिटाइज करने के लिए बंद रखा गया था। ऐसा ही इटकी जांच केंद्र में भी हुआ है। इस वजह से जांच रिपोर्ट में देरी हुई है। हालांकि सरकार इस पर काबू पाने का पूरा प्रयास कर रही है।