Ranchi: 7th JPSC Exam झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत में सातवीं जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण देने के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से सातवीं जेपीएससी की मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने की मांग की गई। अदालत मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया।
अदालत ने राज्य सरकार और जेपीएससी से जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद निर्धारित की गई है। इस संबंध में प्रार्थी कुमार सन्यम ने पीटी परीक्षा में आरक्षण दिए जाने का दावा करते हुए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने अदालत को बताया कि सातवीं जेपीएससी के विज्ञापन में प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) में आरक्षण दिए जाने का कोई प्रविधान नहीं दिया गया है।
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इससे संबंधित झारखंड हाई कोर्ट ने पूर्व में दो आदेश भी पारित किया है। हाल ही में प्रार्थी गुलाम सादिक के मामले में 16 जून 2021 को हाई कोर्ट की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा था कि झारखंड सरकार के अनुसार जेपीएससी पीटी परीक्षा में आरक्षण देने की कोई नीति है। वहीं, वर्ष 2015 में लक्ष्मण टोप्पो के मामले में हाई कोर्ट की खंडपीठ ने कहा था कि पीटी परीक्षा में झारखंड सरकार की नीति आरक्षण देने की नहीं है।
इसलिए कोर्ट आरक्षण देने का आदेश नहीं दे सकती है। यह भी कहा गया है कि सातवीं जेपीएससी की पीटी परीक्षा में कुल 4244 अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा के लिए चयनित हुए हैं। रिक्त पद के 15 गुणा अभ्यर्थियों के चयनित करने का नियम है, लेकिन जेपीएससी ने कैटेगरी वाइज परिणाम जारी किया है। इस परीक्षा में सामान्य वर्ग से कुल 758 अभ्यर्थी चयनित हुए हैं।
इसमें कई ऐसे अभ्यर्थी हैं, जिनका चयन सामान्य कैटेगरी में हो गया है, लेकिन वे आरक्षित श्रेणी से आते हैं। इसका आधार उनका अंक सामान्य कैटेगरी से ज्यादा होना बताया गया है। जेपीएससी के अधिवक्ता संजय कुमार व प्रिंस कुमार सिंह ने कहा कि सातवीं जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण नहीं दिया गया है।
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