Ranchi: Lawyer murder case रांची सिविल कोर्ट के अधिवक्ताओं ने अधिवक्ता मनोज झा हत्याकांड में संलिप्त एक आरोपित को जुवेनाइल घोषित करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से पहले ही हंगामा कर दिया। अधिवक्ताओं के विरोध को देखते हुए प्रार्थी के अधिवक्ता ने याचिका वापस ले ली।
सुनवाई से पहले अधिवक्ता मनोज झा के पुत्र ने ऐसी याचिका दाखिल किए जाने की जानकारी बार एसोसिएशन के महासचिव संजय कुमार विद्रोही को दी। उन्होंने तत्काल अधिवक्ताओं को विरोध करने निर्देश दिया। दोपहर दो बजे न्यायिक दंडाधिकारी अंकिता शर्मा की अदालत में जुवेनाइल घोषित की मांग वाली याचिका पर सुनवाई होनी थी।
सुनवाई के लिए हाईकोर्ट के अधिवक्ता बीके झा एवं सिविल कोर्ट के अधिवक्ता अजीत कुमार रजक अदालत में मौजूद थे। अधिवक्ता अमरेंद्र ओझा, सत्येन्द्र सिंह, अविनाश पांडेय एवं अन्य ने उनसे पहले याचिका को वापस लेने का अनुरोध किया।
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लेकिन उनकी ओर से याचिका वापस लेने से मना कर दिया गया जिसके बाद अधिवक्ता इसका विरोध करने लगे। किसी तरह मामले को शांत कराया गया। बार एसोसिएशन के संयुक्त सचिव (प्रशासन) पवन रंजन खत्री ने अभियोजन की तरफ से पक्ष रखते हुए अदालत से अनुरोध किया कि अगर कोई भी मनोज झा हत्याकांड मामले में पैरवी करने आता है तो बार एसोसिएशन को सूचित करने के बाद ही मामले में सुनवाई की जाए।
बता दें कि संत जेवियर संस्था की विवादित जमीन को लेकर 26 जुलाई को मनोज झा को गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। मनोज झा की हत्या तमाड़ थाना क्षेत्र स्थित रड़गांव के समीप की गई थी। पुलिस पहले ही हत्याकांड में शामिल मुख्य शूटर समेत पांच अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
इसी में से एक आरोपित की ओर से नाबालिग घोषित करने की याचिका दाखिल की गई थी। जबकि अधिवक्ता हत्याकांड में शामिल किसी भी अपराधी की पैरवी कोई अधिवक्ता नहीं करेगा, इसको लेकर पूर्व में निर्णय लिया गया है।