देवेश आनंद (Ranchi): Factionalism रांची जिला बार संघ (Ranchi District Bar Association) की रोजना की कमाई दो लाख रुपये है। लेकिन नव निर्वाचित पदाधिकारियों की गुटबाजी की वजह से रोजना होने वाली कमाई ठप हो गई है। महासचिव संजय कुमार विद्रोही ने बार एसोसिएशन शपथ पत्र टिकट, बेल बांड, वकालतनामा, इनरोलमेंट फार्म सहित सभी अन्य फार्म की बिक्री पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है।
संजय कुमार विद्रोही की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में इसकी जानकारी दी गई है। इसमें कहा गया है कि ऐसा कदम इसलिए उठाया जा रहा है कि संघ के कार्यालय में एकाउंटेंट और लिपिक नहीं है। ऐसे में रोजाना होने वाली कमाई का हिसाब कैसे रखा जाएगा।
उन्होंने पंद्रह दिनों तक इसे संभालने की कोशिश की लेकिन नव निर्वाचित सदस्यों की गुटबाजी के कारण आगे ऐसा करना उचित प्रतीत नहीं हो रहा है। फॉर्म सहित अन्य दस्तावेजों की बिक्री बंद होने की वजह से बार संघ को रोजाना दो लाख रुपये का नुकसान होगा। सोमवार से ही इस पर रोक लगा दी गई है।
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महासचिव संजय कुमार विद्रोही ने कहा है कि इन दस्तावेजों की बिक्री से संघ को रोजाना करीब दो लाख रुपये मिलते हैं, जिससे बार संघ का खर्चा चलता है। लेकिन एडहॉक कमेटी के समय 19 लाख रुपये से ज्यादा के गबन को देखते हुए हिसाब में पारदर्शिता के लिए एकाउंटेंट और लिपिक की नियुक्ति होनी चाहिए।
उन्होंने नव निर्वाचित सभी सदस्यों की बैठक बुलाकर इसकी नियुक्ति करने का प्रयास किया, लेकिन गुटबाजी की वजह से ऐसा नहीं हो पाया है। इसलिए उनकी ओर से दोबारा 25 नवंबर को बैठक बुलाई गई है। ताकि नए एकाउंटेंट और लिपिक की नियुक्ति पर सहमति बन पाए।
संजय कुमार विद्रोही ने कहा कि रांची जिला बार संघ के 35 वकीलों का कोरोना काल में निधन हो गया है। नियमानुसार प्रत्येक परिवार को करीब करीब पांच लाख रुपये की सहायता राशि दिया जाता है। लेकिन यह कार्य भी अभी तक फंसा हुआ है। अगर सभी पदाधिकारी एकजुट होकर कार्य करें, तो दिवंगत वकीलों के परिवार वाले उक्त राशि का भुगतान जल्द से जल्द किया जा सकता है।