Ranchi: JE Appointment झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में ग्रामीण विकास विभाग में संविदा पर कनीय अभियंता की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने अगली सुनवाई तक कनीय अभियंता की नियुक्ति के लिए जारी होने वाली मेरिट लिस्ट पर रोक लगा दी है।
अदालत ने यह भी कहा कि अगर इसके लिए मेरिट लिस्ट जारी भी कर दी गई है, तो वह प्रभावी नहीं होगी। रांची जिले में होने वाली नियुक्ति की मेरिट लिस्ट पर ही रोक है। इस मामले में अदालत ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी।
रांची जिला में होनेवाले कनीय अभियंता की नियुक्ति के खिलाफ उत्तम कुमार की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। सुनवाई के दौरान उनके अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने अदालत को बताया कि ग्रामीण विकास विभाग की ओर से संविदा पर (विज्ञापन संख्या 252-II/2020-21) कनीय अभियंता की नियुक्ति के लिए जिलास्तर पर विज्ञापन जारी किया गया था।
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विज्ञापन में शैक्षणिक योग्यता के लिए सिविल अभियंता में डिप्लोमा होल्डर के लिए 60 प्रतिशत अंक और एससी-एसटी के लिए 50 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य था। परीक्षा होने के बाद विभाग की ओर से जारी प्रोविजनल मेरिट लिस्ट में पाया गया कि सीधे बीटेक करने वाले कई अभ्यर्थियों को चयन किया गया है।
जबकि डिप्लोमा करने वालों का कैरिकुलम, कोर्स और पढ़ाई सीधे बीटेक करने वालों से अलग होती है। साथ ही विज्ञापन में कनीय अभियंता के लिए डिप्लोमा होल्डर या समकक्ष की ही शर्त दी गई थी। ऐसे में नियुक्ति में अनियमितता हुई है। इसलिए मेरिट लिस्ट को निरस्त किया जाए।
वादी की ओर से कहा गया कि पांच सितंबर को इसके लिए परीक्षा हुई है और दस सितंबर को प्रोविजनल मेरिट लिस्ट जारी किया है। अदालत ने वादी के अधिवक्ता की दलीलों को मानते हुए अगले आदेश तक रांची जिले की मेरिट लिस्ट को प्रकाशित करने पर रोक लगा दिया है। साथ ही, राज्य सरकार से इस मामले में जवाब मांगा है।