Chennai: Medical student मद्रास हाईकोर्ट ने मेडिकल कालेज प्रशासन को पोस्ट ग्रेजुएट और इंटर्नशिप कर रहे छात्रों से आठ घंटे से ज्यादा ड्यूटी न कराए जाने का निर्देश दिया है। इन छात्रों की मेडिकल कालेज अस्पताल में मरीजों के इलाज के लिए ड्यूटी लगाई जाती है।
मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी और जस्टिस पीडी आदिकेसदावालू ने यह निर्देश डाक्टर्स एसोसिएशन फार सोशल इक्वैलिटी के महासचिव डॉ जीआर रवींद्रनाथ की जनहित याचिका का निस्तारण करते हुए दिया।
याचिका में जुलाई 2015 में चिकित्सा शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी अधिसूचना को चुनौती दी गई थी। अधिसूचना में पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों और अंडर ग्रेजुएट इंटर्नशिप कर रहे छात्रों से सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कालेज अस्पताल में शिफ्ट में आठ-आठ घंटे कार्य करने की अपेक्षा की गई है।
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सरकार की ओर से अदालत में पेश अधिवक्ता पी मुथुकुमार ने कहा, यह सही है कि कोरोना काल में डाक्टरों से आठ घंटे से ज्यादा सेवाएं ली गईं लेकिन ऐसा हमेशा नहीं होता है। सामान्य स्थितियों में आठ घंटे की समय सीमा का ध्यान रखा जाता है।
सरकारी वकील के जवाब से संतुष्ट पीठ ने कहा कि आपात स्थितियों में अधिसूचना का उल्लंघन हो सकता है लेकिन ऐसा आमतौर पर नहीं होना चाहिए। पीठ ने कहा, जिन अस्पतालों में स्टाफ की कमी के चलते ऐसा हो रहा है, उस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। अधिसूचना के अनुसार कार्य हो रहा है या नहीं, इसकी समय-समय पर समीक्षा होनी चाहिए।