Gurgaon: पटौदी में हुई महापंचायत के दौरान भड़काऊ भाषण देने के आरोप में पकड़े गए गोपाल शर्मा की जमानत याचिका पटौदी कोर्ट में ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट मोहम्मद सगीर की कोर्ट ने खारिज कर दी। जज ने कहा कि वीडियो देखने के बाद ऐसा लगता है कि अब सामान्य माता-पिता अपने बच्चों को कहानी सुनाएंगे कि एक ऐसा भी वक्त था जब भड़काऊ भाषण व धार्मिक असहिष्णुता को सामाजिक मूल्यों की गिरावट के तौर पर देखा जाता था।
गोपाल शर्मा की जमानत याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि क्या हमारे समाज को कोरोना महामारी से पहले लड़ना चाहिये या ऐसे लोगों से जो नफरत से भरे हुए हैं। यदि इन्हें मौका मिल जाए तो ये अपनी धार्मिक नफरत के चलते न जाने कितने निर्दोष लोगों की हत्या कर दे। बोलने की आजादी का मतलब यह नहीं है कि कोई धार्मिक दंगों को भड़का दे।
कोर्ट ने कहा कि इस वक्त पर आरोपित को जेल से बाहर आने दिया तो वो शिकायतकर्ता व गवाहों पर दबाव डालकर जांच को प्रभावित कर सकता है। फिलहाल आरोपित की निजी आजादी से समाज में सामाजिक सौहार्द को ऊपर रखना जरूरी है।
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याचिका पर सुनवाई के दौरान आरोपी के वकीलों ने कहा कि पंचायत का आयोजन किसी अन्य ने किया था। रोपी से पहले कई लोगों ने इस मुद्दे पर भाषण दिया जिसमें काफी सारी भड़काऊ बातें थीं लेकिन सिर्फ इसी वीडियो को वायरल किया गया है।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि वायरल वीडियो व एफआईआर देखने से स्पष्ट है कि आरोपित ने भीड़ में भड़काऊ भाषण देने के साथ ही आपत्तिजनक शब्दों का प्रयास किया। उसने धर्म के नाम पर नारेबाजी कर दूसरे समुदाय के लोगों को मारने की बात कही।
पटौदी के रामलीला ग्राउंड में 4 जुलाई को हुई महापंचायत मूक-बधिर छात्रों के धर्म परिवर्तन के विरोध में हुई थी। पंचायत में दिल्ली की जामिया यूनिवर्सिटी में सीएए के विरोध में हो रहे प्रदर्शन के दौरान छात्रों पर पिस्तोल तानने व गोली चलाने वाला गोपाल शर्मा उर्फ राम भक्त गोपाल भी पहुंचा था। यू-ट्यूब पर वायरल विडियो देख गांव जमालपुर निवासी दिनेश ने पुलिस को शिकायत देकर एफआईआर दर्ज पटौदी थाना में कराई।
मानेसर क्राइम ब्रांच ने सोमवार शाम सिकंदरपुर बढ़ा से जेवर निवासी गोपाल शर्मा को अरेस्ट कर लिया था। उसे देर शाम ही ड्यूटी मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश कर न्यायिक हिरासत में जेल पहुंचा दिया गया। मंगलवार को पांच वकीलों की ओर से गोपाल शर्मा की जमानत याचिका पटौदी कोर्ट में दायर की गई। कोर्ट ने सुनवाई के लिए गुरुवार की तारीख दी थी। गुरुवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया।