रांचीः PTPS पतरातू पावर प्लांट के पहले चरण के बिजली का उत्पादन एनटीपीसी से लेकर नीलामी के माध्यम से दूसरी कंपनी को देने के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है।
याचिका में प्लांट का तीन बार मूल्यांकन करा कर इसका बेस प्राइस एक निजी कंपनी को नीलामी के पहले ही जानकारी देने का आरोप लगाते हुए मामले की सीबीआई जांच कराने का अदालत से आग्रह किया गया है।
विस्थापित प्रभावित संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष आदित्य नारायण प्रसाद ने याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि झारखंड सरकार और टीवीएनल के बीच समझौते के बाद पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड कंपनी का गठन किया गया था।
इसे भी पढ़ेंः अग्रवाल बंधु हत्याकांडः लोकेश चौधरी की जमानत पर 17 मार्च को होगी सुनवाई
इस प्लांट के पहले चरण का उत्पादन इसी कंपनी को करना था, लेकिन सरकार ने इस समझौते का पालन नहीं कर इसकी नीलामी की प्रक्रिया शुरु कर दी। प्रार्थी का आरोप है कि मेकन से इसका मूल्यांकन तीन बार कराया।
तीनों बार मेकन ने अलग-अलग इसकी दर निर्धारित की। बाद में कंपनी का बेस प्राइस 244 करोड़ निर्धारित किया गया और यह काम एमटीसी को दे दिया गया।
प्रार्थी ने आरोप लगाया है कि इस प्राइस के आधार पर ही एमटीसी ने बोली लगा कर काम हासिल किया, जबकि पूर्व में मूल्यांकन के बाद की दर अधिक थी। अदालत से इस पूरे मामले की सीबीआई जांच करने का आग्रह किया गया है।