रांची। Jharkhand High Court झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में जमशेदपुर (MGM Hospital) एमजीएम अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही पर हैरानी जताई। अदालत ने कहा कि एक अस्पताल इतना असंवेदनशील कैसे हो सकता है।
अदालत में Burn Women एक जली महिला के इलाज में एजीएम की लापरवाही की जांच के आदेश दिए हैं। (Jhalsa) झालसा सचिव को जांच की जिम्मेदारी देते हुए अदालत ने कहा कि एक सप्ताह में पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करें।
जमशेदपुर की रहने वाली एक महिला को उसके पति ने आग लगाकर जला दिया और फरार हो गया। कुछ लोगों ने उसे एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया। पहले तो अस्पताल ने सिर्फ एक बेड देकर इलाज की खानापूर्ति कर दी। किसी प्रकार का कोई इलाज नहीं किया गया।
जब अधिवक्ता अनूप कुमार अग्रवाल ने इस मामले में चीफ जस्टिस को ईमेल के जरिए पत्र लिखा और कोर्ट ने जब इस मामले में संज्ञान लिया तो बुधवार की शाम 7 बजे उस महिला को बर्न वार्ड में शिफ्ट किया गया। आरोप है कि महिला का समुचित इलाज नहीं होने के चलते आज सुबह उसकी मौत हो गई।
अधिवक्ता अनूप अग्रवाल ने कोर्ट बतायाकि यह महिला 90 फ़ीसदी जल चुकी थी। लेकिन उसका इलाज बर्न वार्ड की जगह जनरल वार्ड में किया जा रहा था। इलाज में लापरवाही के चलते महिला की मौत हुई है। इसलिए इस मामले की जांच होनी चाहिए। इसके बाद अदालत ने प्रथम दृष्टया अस्पताल की लापरवाही मानते हुए पूरे मामले की जांच का आदेश दिया है। इस मामले में अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद होगी।