दिल्ली। शनिवार को दिल्ली (Delhi) में वायु गुणवत्ता (Air quality level) का स्तर बेहद खराब श्रेणी में रहा। मौसम विज्ञान विशेषज्ञों के अनुसार दीपावली में पटाखे जलने और हवा की गति धीमी होने से वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में भी जा सकती है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली ‘सफर’ की ओर से कहा गया कि यदि दीपावली पर पटाखे नहीं जलाए जाएंगे तो दिल्ली की हवा में ‘पीएम 2.5’ कणों की मात्रा पिछले चार साल के मुकाबले सबसे कम रहने की संभावना है।
सफर की ओर से कहा गया कि पराली जलाने और हवा की गति धीमी होने के कारण दिवाली की रात वायु गुणवत्ता के बेहद खराब से गंभीर के बीच की श्रेणी में रहने का अनुमान है। पटाखे जलाए जाने की स्थिति में रविवार की सुबह ‘पीएम 2.5’ कणों की मात्रा में बढोतरी हो सकती है। शहर में सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 369 दर्ज किया गया।
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चौबीस घंटे का औसतन एक्यूआई शुक्रवार को 339 और बृहस्पतिवार को 314 था। फरीदाबाद में एक्यूआई 323, गाजियाबाद में 412, नोएडा में 362, ग्रेटर नोएडा में 350 और गुरुग्राम में 338 दर्ज किया गया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की ओर से कहा गया है कि इस साल दिवाली के बाद पश्चिमी विक्षोभ के कारण हवा की गति बढ़ने से दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता में सुधार होने के आसार हैं।
आईएमडी के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण रविवार को हल्की बारिश भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि दीपावली के बाद हवा की गति बढ़ने से दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता में सुधार हो सकता है। रविवार को हवा की अधिकतम गति 12 से 15 किलोमीटर प्रति घंटा रहने की उम्मीद है।
आईएमडी के पर्यावरण अनुसंधान केंद्र के प्रमुख वी के सोनी ने कहा कि हवा नहीं चलने और पटाखों के कारण दिवाली की रात वायु गुणवत्ता “गंभीर” श्रेणी में जा सकती है। उन्होंने कहा कि 16 नवंबर को वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हो सकता है।