रांची। झारखंड हाईकोर्ट की ओर से राज्य सरकार की नियोजन नीति खारिज होने से आठ हजार से अधिक नौकरी करने वाले लोगों को लिए संकट खड़ा हो गया है। हाईकोर्ट की वृहद पीठ ने इस नीति के तहत राज्य के 13 अधिसूचित जिलों में हुई नियुक्तियों को भी रद्द कर दिया है। बताया जा रहा है कि इन जिलों में 8423 लोगों की नियुक्ति हो चुकी थी और वे कार्य भी कर रहे थे। हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब इनकी नौकरी छिन गई। हालांकि अदालत ने इन जिलों में दोबारा नया विज्ञापन निकाल कर नियुक्ति प्रारंभ करने का आदेश दिया है, लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है कि पहले से नियुक्त लोगों को ही दोबारा नौकरी मिलेगी।
गौरतलब है कि मार्च 2020 में इस मामले की सुनवाई खंडपीठ में हुई थी। उस दौरान प्रार्थी के आग्रह और प्रारंभिक स्थितियों को देखते हुए अदालत ने कहा था कि नियोजन नीति के तहत होने वाली सभी नियुक्ति इस मामले में हाईकोर्ट के अंतिम आदेश से प्रभावित होगी। इसी के तहत अदालत ने अब 13 जिलों में हुई नियुक्तियों को रद कर दिया है। हालांकि 11 गैर अधिसूचित जिलों में होने वाली नियुक्ति जारी रहेगी। अदालत ने इस पर कोई आदेश पारित नहीं किया है।
राज्य सरकार ने जुलाई 2017 में एक अधिसूचना जारी करते हुए 13 जिलों को अधिसूचित जिला घोषित किया था। इसके तहत तृतीय एवं चतुर्थवर्गीय पदों पर नियुक्ति के लिए जेपीएससी ने विज्ञापन संख्या 21-2016 निकाला था। इसके तहत पूरे राज्य में 17432 हजार पदों पर नियुक्ति होनी थी। इसके अनुसार 13 जिलों में सभी पद स्थानीय के लिए आरक्षित हो गए थे। इसमें 11 गैर अधिसूचित जिलों के अभ्यर्थी भी आवेदन नहीं कर सकते थे।
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