Ranchi: 7th JPSC exam सातवीं से दसवीं जेपीएससी की मुख्य परीक्षा को स्थगित कर दिया गया है। राज्य सरकार और जेपीएससी की ओर से इस संबंध में कोर्ट को जानकारी दी गई है। उनकी ओर से कहा गया कि वादी की ओर से उठाए गए बिंदु सही हैं। इसलिए मुख्य परीक्षा स्थगित किया जाता है।
उनकी ओर से कहा गया कि वादी की ओर से उठाए गए बिंदुओं की समीक्षा के लिए तीन सप्ताह का समय चाहिए, ताकि प्रारंभिक परीक्षा में दिए गए आरक्षण की जांच की जा सके। इसके बाद अगर जरूरी हुआ तो प्रारंभिक परीक्षा का संशोधित परिणाम जारी किया जाएगा।
इससे पहले सोमवार को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डा रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में सातवीं से दसवीं जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण दिए जाने के खिलाफ दाखिल अपील पर सुनवाई हुई। अदालत ने जेपीएससी से पूछा था कि सातवीं जेपीएससी में कैटेगरीवाइज कितनी सीटें थी।
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प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण दिया गया है या नहीं। कितने आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी सामान्य कैटेगरी में चयनित हुए हैं। इस सभी बिंदुओं पर जेपीएससी को जवाब देना है। इस दौरान मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने की मांग की गई। इसको लेकर कुमार सन्यम की ओर से एकलपीठ के आदेश के खिलाफ अपील दाखिल की गई है।
पिछले दिनों एकलपीठ ने मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने से इन्कार करते हुए प्रार्थी की आइए याचिका को खारिज कर दिया। इसके खिलाफ प्रार्थी की ओर से अपील दाखिल की गई है। सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने अदालत को बताया कि सातवीं जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण दिया गया है।
इसका विज्ञापन में जिक्र भी जिक्र नहीं किया गया है और न ही राज्य सरकार के पास ऐसी कोई नीति है, जिसके अनुसार प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण का लाभ दिया जा सके। गुलाम सादिक के मामले में 16 जून 2021 को हाई कोर्ट की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा था कि झारखंड सरकार के अनुसार जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण देने की कोई नीति है।
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वर्ष 2015 में लक्ष्मण टोप्पो के मामले में हाई कोर्ट की खंडपीठ ने कहा था कि प्रारंभिक परीक्षा में झारखंड सरकार की नीति आरक्षण देने की नहीं है। कोर्ट आरक्षण देने का आदेश नहीं दे सकती है। इस दौरान कहा गया कि सामान्य कैटेगरी की 114 सीट थी। नियमानुसार पंद्रह गुना होने पर 1710 अभ्यर्थियों का चयन होना चाहिए।
लेकिन सामान्म कैटेगरी में 768 का ही चयन किया गया है। इससे प्रतीत होता है कि प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण दिया गया है। इस दौरान उनकी ओर से मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने और प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम को रद करने की मांग की गई। इस पर जेपीएससी की ओर से जवाब दाखिल करने का समय मांगा गया। बता दें सातवीं जेपीएससी की मुख्य परीक्षा 28 जनवरी से होनी थी।
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