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6th JPSC Result Canceled: HC ने अंतिम परिणाम किया निरस्त, JPSC के अधिकरियों पर कार्रवाई का आदेश

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Ranchi: 6th JPSC Result Canceled झारखंड हाईकोर्ट ने छठी जेपीएससी के अंतिम परिणाम को निरस्त करते हुए आठ सप्ताह में रिवाइज रिजल्ट जारी करने का आदेश जेपीएससी को दिया है। जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने अपने आदेश में माना है कि पेपर वन (हिंदी व अंग्रेजी) के क्वालिफाइंग अंक को कुल प्राप्तांक में जोड़ा जाना गलत है।

इसलिए ऐसे अभ्यर्थियों का रिवाइज रिजल्ट जारी किया जाए, जिसमें क्वालिफाइंग अंक कुल प्राप्तांक में नहीं जुड़ा हो और सभी पेपर में वर्ग के अनुसार न्यूनतम अंक प्राप्त करने वाले को ही मेरिट लिस्ट में शामिल किया जाए। अदालत ने आठ सप्ताह में रिवाइज रिजल्ट जारी करने का आदेश देते हुए उनके दो सप्ताह में नियुक्ति के लिए सरकार को अनुशंसा करने को कहा है।

हाई कोर्ट के आदेश से 329 पदों पर नियुक्त हो चुके पदाधिकारियों की नौकरी प्रभावित होगी। पिछले साल ही जेपीएससी की अनुशंसा पर राज्य सरकार ने इनकी नियुक्ति की थी।इससे पहले 12 फरवरी को अदालत ने सभी पक्षों की सुनवाई पूरी करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सोमवार को अदालत ने इस मामले में अहम फैसला सुनाया है।

बता दें कि इस संबंध में दिलीप कुमार सिंह व प्रदीप राम सहित कई अन्य याचिकाएं हाई कोर्ट में दाखिल की गई थी। इस मामले में बहस के दौरान पूर्व महाधिवक्ता अजीत कुमार, अपराजिता भारद्वाज, विकास कुमार ने अदालत को बताया था कि जेपीएससी ने अंतिम परिणाम जारी करने में कई गड़बड़ी की है। विज्ञापन की कंडिका 13 की शर्तों के अनुसार पेपर वन में सिर्फ क्वालिफाइंग अंक लाना था।

इसे भी पढ़ेंः 6th JPSC Exam रद होगी या अभ्यर्थियों को मिलेगी निराशा, सोमवार को हाईकोर्ट सुनाएगी फैसला

वहीं, सभी पेपर में वर्ग के अनुसार निर्धारित न्यूनतम अंक लाने वाले को ही मेरिट लिस्ट में शामिल किया जाना था। लेकिन जेपीएससी ने क्वालिफाइंग अंक को कुल प्राप्तांक में जोड़ दिया है। इस कारण बाकी पेपर में अधिक अंक पाने वाले अभ्यर्थियों का चयन नहीं हो पाया है। जबकि अन्य पेपर में न्यूनतम अंक से कम पाने वाले अभ्यर्थियों का चयन हो गया।

अधिवक्ता अमृतांश वत्स पक्ष रखते हुए कहा था कि जब जेपीएससी की ओर से क्वालिफाइंग अंक को कुल प्राप्तांक में नहीं जोड़े जाने की नीति प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम जारी करने में अपनाई गई थी, तो मुख्य परीक्षा के परिणाम में इसे दरकिनार कैसे किया जा सकता है। विज्ञापन जारी होने के बाद बीच में कभी भी किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है।

ऐसे में अंतिम परिणाम को रद करते हुए दोबारा रिवाइज रिजल्ट जारी किया जाना चाहिए। इस मामले में जेपीएससी का कहना था कि विज्ञापन की शर्तों एवं नियमों के तहत ही मेरिट लिस्ट तैयार की गई है। इसमें कोई गड़बड़ी नहीं है। इसके अलावा छठी जेपीएससी परीक्षा में उत्तीर्ण हुए अभ्यर्थियों की नियुक्ति हो गई है और उन्हें वेतन दिया जा रहा है। इसलिए अंतिम परिणाम को रद नहीं किया जाए।

लेकिन अदालत ने जेपीएससी की दलील को खारिज करते हुए दोबारा रिवाइज रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया है। जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने इस मामले में जेपीएससी के अधिकारियों पर सख्त रूख अपनाया है। अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि छठी जेपीएससी के अंतिम परिणाम को जारी करने गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों को खिलाफ राज्य सरकार को संज्ञान लेते हुए जांच करानी चाहिए। जांच के बाद दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।

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Devesh Ananad

देवेश आनंद को पत्रकारिता जगत का 15 सालों का अनुभव है। इन्होंने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान में काम किया है। अब वह इस वेबसाइट से जुड़े हैं।

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