Water Harvesting: झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आर मुखोपाध्याय और जस्टिस दीपक रोशन की अदालत में अधिवक्ताओं की कमेटी ने रांची में बहुमंजिला इमारत में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सौंपी है। अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई 25 जुलाई को निर्धारित की है।
अदालत ने अधिवक्ताओं की कमेटी को अपनी फाइनल रिपोर्ट 28 जून तक रांची नगर निगम के अधिवक्ता को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। पूर्व में अदालत ने रांची में बहुमंजिला इमारतों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की जांच को लेकर छह अधिवक्ताओं की कमेटी बनाई है।
उक्त कमेटी ने रांची के लगभग 650 इमारतों में लगे रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की जांच की है। जांच के दौरान कई इमारतों में वाटर हार्वेस्टिंस सही अवस्था में नहीं पाए गए थे। कई में सिर्फ नाम के लिए सिस्टम लगाया है। वहां के पाइप और निकासी वाली नालियां क्षतिग्रस्त मिली थीं।
जलस्तर बढ़ाने की हो रही पहल
पिछली सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि राज्य में पानी के बेतहाशा दोहन की वजह से भूजल स्तर लगातार नीचे जा रहा है। इसको रिचार्ज करने की जरूरत है। इसलिए सभी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया जाना चाहिए, ताकि भूजल का रिचार्ज किया जा सके।
इसके बाद अदालत ने नगर निगम से रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने को लेकर नियम की जानकारी मांगी थी। निगम की ओर से कहा गया था कि 3000 स्क्वायर फीट में बने भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया जाना अनिवार्य है। रांची में लगभग 750 बहुमंजिला इमारतों का निर्माण किया गया है। जिसमें वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया जाना था।