रांचीः हजारीबाग के (saint Javier School) सेंट जेवियर स्कूल से निकाले गए छात्रों के मामले में सुनवाई के बाद झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) ने स्कूल प्रबंधन से जवाब मांगा है।
अदालत ने स्कूल प्रबंधन से पूछा है कि यदि छात्रों ने वार्षिक परीक्षा दी और उत्तीर्ण होने पर उन्हें अगली कक्षा में प्रोन्नत दिखाया गया। किस परिस्थिति में छात्रों का अगली कक्षा में नामांकन नहीं हुआ।
इसके अलावा स्कूल प्रबंधन बताए कि किस कारण इन छात्रों को स्कूल से निकालने के लिए अभिभावकों को निर्देश दिया गया है। इस मामले में अगली सुनवाई 11 जनवरी को होगी।
इस संबंध में सेंट जेवियर स्कूल से निकाले गए छात्रों ने हाईकोर्ट में अपील याचिका दाखिल की गई है। क्योंकि एकल पीठ ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था।
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एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि छात्रों को इस मामले में पहले झारखंड एजुकेशनल ट्रिब्यूनल (JET) जाना चाहिए था। इसके बाद याचिका खारिज कर दी।
एकलपीठ के आदेश के खिलाफ छात्रों ने अपील दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि आरटीई एक्ट के तहत उन्हें शिक्षा पाने का संवैधानिक अधिकार है।
कोरोना संकट में राज्य सरकार ने भी किसी भी छात्र को ऑनलाइन शिक्षा से वंचित नहीं करने और उन्हें स्कूल से नहीं निकालने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया।
इस मामले में स्कूली छात्रों की ओर से वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार व अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज हाईकोर्ट में पक्ष रख रहे हैं।