Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट से हिनू के बंधुनगर में रहने वाले करीब दो दर्जन लोगों को बड़ी राहत मिली है। जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में बंधु नगर में कई लोगों को घर तोडने के रांची नगर आयुक्त के के आदेश को निरस्त कर दिया। यह आदेश 22 लोगों पर ही लागू होगा।
इस दौरान अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि नगर निगम को पता ही नहीं है कि कितने लोगों का नक्शा पास है और कितने मामले अभी लंबित है। क्या निगम यही चाहता है कि लोग नक्शा पास कराने के लिए नगर निगम का चक्कर लगाते रहें।
अदालत ने माना कि इस मामले में वादियों को सुनवाई के भरपूर मौके नहीं मिला है। इसलिए दो सितंबर को नगर आयुक्त सभी वादियों के आवेदन पर सुनवाई कर उचित निर्णय लेंगे। इस संबंध में दिलीप कुमार सिंह सहित दो दर्जन लोगों की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
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सुनवाई के दौरान अधिवक्ता ऋतु कुमार, देवर्षि मंडल और समावेश भंजदेव ने बताया कि हिनू के बंधु नगर में रहने वाले करीब 70 परिवारों को नगर आयुक्त की ओर से नोटिस दिया कि वे नक्शा सहित अन्य दस्तावेज नगर निगम में जमा करें।
इसके बाद नक्शा पास नहीं होने का हवाला देकर नगर आयुक्त की ओर से अखबारों में नोटिस जारी कर अवैध निर्माण हटाने को कहा गया। इसके लिए सभी को पंद्रह दिन का समय दिया गया। वादियों को कहना था उन लोगों को किसी प्रकार कोई नोटिस नहीं मिला है।
अखबार में नाम देखकर इन लोगों ने नगर आयुक्त के यहां आवेदन दिया, लेकिन उनका पक्ष सुने बिना ही घर तोड़ने का आदेश जारी कर दिया। यह नैसर्गिग न्याय के खिलाफ है। नगर निगम की ओर से की जाने वाली कार्रवाई झारखंड म्यूनिसिपल एक्ट- 2011 के नियमों के विरुद्ध है।
इसलिए नगर आयुक्त के आदेश पर रोक लगाते हुए इसे निरस्त किया जाए। इसके बाद कोर्ट ने नगर आुयक्त के आदेश को निरस्त कर दोबारा सुनवाई करने का निर्देश दिया है। बता दें कि झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के बाद रांची शहर के विभिन्न क्षेत्रों में अतिक्रमण और अवैध निर्माण के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है।