सजायाफ्ताओं को अब जाना होगा जेल, मिली है 25 साल की सजा
जमशेदपुर के मानगो सहारा सिटी में गैंगरेप के मामला
सुप्रीम कोर्ट ने जमशेदपुर के मानगो सहारा सिटी में गैंगरेप के मामले में सजायाफ्ता दो अभियुक्त शिवकुमार महतो और श्रीकांत महतो जमानत निरस्त कर दी है। शिवकुमार महतो और श्रीकांत महतो को पूर्व में झारखंड हाई कोर्ट से जमानत मिली थी। पीड़िता की मां की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दोनों की जमानत को रद करते हुए उन्हें चार सप्ताह में निचली अदालत में समर्पण करने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा है कि अगर दोनों निर्धारित समय पर समर्पण नहीं करते हैं, तो पुलिस उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों की अपील पर अंतिम सुनवाई करने के लिए हाई कोर्ट से आग्रह किया है।
पीड़िता की मां ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दोनों की जमानत को निरस्त करने का आग्रह किया गया था। पीड़िता की मां की ओर से अधिवक्ता देवेश अजमानी ने पक्ष रखा। बता दें कि जनवरी 2022 में जमशेदपुर की पोस्को की विशेष अदालत ने मामले के नामजद अभियुक्त इंद्रपाल सैनी, शिवकुमार महतो और श्रीकांत महतो को 25-25 साल की सश्रम कारावास और 20-20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। तीनों अभियुक्तों को पीड़िता को 60–60 हजार रुपये जुर्माना के तौर पर देने का भी आदेश दिया था।
मानगो सहारा सिटी की एक नाबालिग ने मानगो थाना में 18 जनवरी 2018 को इंद्रपाल सैनी, शिव कुमार महतो, श्रीकांत महतो व अन्य के खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी। प्राथमिकी में पीड़िता की मां ने बताया था कि बच्ची के साथ इंद्रपाल सैनी, शिव कुमार महतो और श्रीकांत महतो ने दुष्कर्म किया था। नाबालिग का वीडियो बनाकर उसे डरा धमका कर देह व्यापार कराया जाता था।