रांची। झारखंड हाईकोर्ट ने टेरर फंडिंग सहित सभी मामलों की अंतरिम राहत की अवधि बढ़ा दी है। चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजव व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने कोरोना संकट को देखते हुए वैसे सभी मामलों की राहत की अवधि 31 अक्टूबर तक बढ़ा दी है, जिनको पूर्व में कोर्ट से राहत मिली चुकी है। इसके साथ ही अदालत ने टेरर फंडिंग के आरोपियों अमित अग्रवाल, विनीत अग्रवाल और महेश अग्रवाल की राहत अवधि बढ़ा दी है। इस मामले में पांच नवंबर को सुनवाई होगी।
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गुरुवार को टेरर फंडिंग के आरोपियों की अपील याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने नाराजगी जताते हुए मौखिक रूप से कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि जब इस मामले की कोर्ट में सुनवाई चल रही है, तो आरोपियों को भगोड़ा अपराधी घोषित कर एनआईएन उनकी तस्वीर अपनी वेबसाइट पर लगा दी है। यह सरासर गलत है। गौरतलब है कि एनआईए की वेबसाइट पर विनीत, अमित और महेश अग्रवाल की फोटो अंतर्राष्ट्रीय अपराधी मसूद अजहर के साथ भगोड़ा घोषित कर दिया गया है।
इस मामले में इनकी ओर से हाईकोर्ट में आइए (अंतरिम याचिका) दाखिल कर एनआईए की कार्रवाई पर आपत्ति जताई गई है। ज्ञात हो कि टंडवा में आम्रपाली व मगध कोल परियोजना में काम करने के बदले में शांति समिति के जरिए लेवी वसूली जाती थी। इसकी राशि उग्रवादी संगठन टीपीसी को भी दी जाती थी। यह संगठन उक्त राशि का इस्तेमाल हथियार खरीदने में करते थे। एनआइए ने इस मामले को टेकओवर करते हुए जांच शुरू की है।