Ranchi: Teacher appointment झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत में गैर अनुसूचित जिलों में शिक्षक नियुक्ति को लेकर दाखिल कई याचिकाओं पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि इतिहास और नागरिक शास्त्र के शिक्षकों की नियुक्त की जाएगी। इसके बाद अदालत ने इससे संबंधित सभी याचिकाओं को निष्पादित कर दिया।
इस दौरान संस्कृत सहित अन्य विषयों में शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में सुनवाई की गई। अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर जनवरी 2021 में इतिहास व नागरिक शास्त्र के शिक्षकों की नियुक्ति करने का निर्णय लिया है। वहीं, अगस्त 2018 में सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद जेएसएससी की ओर से भेजी गई अनुशंसा पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
जबकि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने कई बार कहा है कि गैर अनुसूचित जिलों में शिक्षकों की नियुक्ति पर कोई रोक नहीं है। इस पर महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि सरकार इस पर जल्द निर्णय लेगी। इसके बाद अदालत ने राज्य सरकार के निर्णय की जानकारी शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया। मामले में अगली सुनवाई 19 जनवरी को होगी।
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इसी दौरान गैर अनुसूचित जिलों में पंचायत सचिवों की नियुक्ति के मामले में सुनवाई हुई। अदालत ने इन याचिकाओं के अलग से सुनवाई करने का निर्देश देते हुए राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने को कहा है। इस मामले में 19 जनवरी को सुनवाई होगी।
एसोसिशन के शुल्क को माफ करने की मांग
झारखंड हाई कोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन का जल्द ही चुनाव होने वाला है। इसको देखते हुए एसोसिएशन के गवर्निंग काउंसिल के सदस्य आकाश दीप ने झारखंड स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन राजेंद्र कृष्णा को एक पत्र लिखा है। पत्र में उनकी ओर से एडवोकेट एसोसिएशन की ओर से लिए जाने वाले शुल्क को माफ करने की मांग की है।
आकाश दीप की ओर से कहा गया है कि कोरोना काल में कई अधिवक्ताओं के सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है। इसका सबसे ज्यादा शिकार नए एवं युवा अधिवक्ता हुए हैं। ऐसे में मार्च 2020 से अक्टूबर 2021 तक
का एसोसिएशन की शुल्क को माफ कर दिया जाए। ताकि उनका नाम मतदाता सूची में बरकरार रहे। इस पर बार काउंसिल के चेयरमैन राजेंद्र कृष्णा ने उचित निर्णय लेने का आश्वासन दिया है।