Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ में मंगलवार को रामगढ़ के भुरकुंडा में कोयला एवं लौह अयस्क परिवहन और अवैध कंपनियों के संचालन से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने प्रार्थी पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए याचिका खारिज कर दी। पीठ ने कहा कि मामले में निजी कंपनियों के खिलाफ प्रार्थी को ओर से जो आरोप लगाए गए हैं उससे संबंधित प्रमाण कोर्ट में प्रस्तुत नहीं की गई है।
जनहित याचिका दाखिल वाले का दायित्व है कि वह आरोपों से संबंधित दस्तावेज भी कोर्ट में प्रस्तुत करें। प्रार्थी की ओर से कहा उनकी ओर से निजी कंपनियों से संबंधित दस्तावेज, फोटो और अखबारों में प्रकाशित खबरों की प्रति कोर्ट में प्रस्तुत की गई है। पीठ ने इसे नहीं माना और प्रार्थी पर जुर्माना लगाया है। इस संबंध में संतोष पाठक ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि रामगढ़ के भुरकुंडा में कोल और आयरन ओर के परिवहन और 50 साल से ज्यादा पुराने उद्योगों के कारण प्रदूषण बढ़ा है। इससे लोगों को परेशानी हो रही है।