Ranchi News: 20 साल पुराने मामले में जेल में बंद उग्रवादी जगरनाथ सिंह मुंडा पर लगे आरोपों को साबित करने में अभियोजन पक्ष पूरी तरह से विफल रहा है। सेशन कोर्ट के कई प्रयासों के बावजूद केस के गवाहों तत्कालीन डीएसपी, दो थाना प्रभारी समेत 14 पुलिस अधिकारी व सिपाही अदालत नहीं पहुंचे।
डीजीपी तक को लिखा पत्र
इतना ही नहीं अदालत ने गवाहों को लाने के लिए एसएसपी रांची से लेकर डीजीपी तक को एक नहीं दो-दो बार लिखा। लेकिन किसी वरीय अधिकारी पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। दो साल से अधिक समय तक गवाहों के आने का इंतजार अदालत ने किया। एक भी गवाह के नहीं आने पर अदालत ने पिछले सप्ताह जगरनाथ मुंडा उर्फ रिंगा सिंह मुंडा को साक्ष्य की कमी दिखाते हुए रिहा कर दिया।
इसी मामले में ट्रायल फेस कर रहा दो आरोपी काली चरण सिंह मुंडा और छोटे मुंडा उर्फ छोटे सरकार को अदालत ने पूर्व में ही साक्ष्य के अभाव में बरी कर चुका है। घटना को लेकर तमाड़ के तत्कालीन थाना प्रभारी अरविंद कुमार सिन्हा ने 29 सितंबर 2004 को 8 आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। आरोपी 7 फरवरी 2022 से इस मामले में जेल में था।
कोर्ट ने गवाहों के लिए एसएसपी से लेकर डीजीपी तक को लिखा दो-दो बार, आरोपी फरवरी 2022 से था जेल में बंद
यह है पूरा मामला
28 सितंबर 2004 को गुप्त सूचना के आधार पर एसडीपीओ मधुसूदन बारी के नेतृत्व में उग्रवादी जगरनाथ सिंह मुंडा के ठिकाने पर छापेमारी की गई। उसके घर से पांच पेटी एसएलआर के कारतूस, 30 सेट यूनिफार्म समेत अन्य विस्फोटक सामान बरामद किया गया। टीम में तमाड़ एवं बुंडू के तत्कालीन थाना प्रभारी, सीआरपीएफ इंस्पेक्टर, जैप-7 के काफी संख्या में जवान शामिल थे।
कोर्ट ने कब-कब लिखा एसएसपी व डीजीपी को पत्र
- 5 नवंबर 2022 : गवाहों को समन
- 29 नवंबर 2022 : एसएसपी रांची को लिखा
- 30 जनवरी 2023: संबंधित थाने के साथ डीजीपी को लिखा
- 9 जनवरी 2024 : डीजीपी को पुनः लिखा
- 6 फरवरी 2024 : अभियोजन पक्ष को गवाह पेश करने का दिया अंतिम मौका