Ranchi: दहेज प्रताड़ना का केस करने वाली विवाहिता ने 5 साल बाद अदालत में गवाही के दौरान अपनी गवाही में कही कि मैंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है कि आरोपियों द्वारा उन्हें प्रताड़ित किया जाता था या उनके साथ मारपीट की जाती थी। अगर केस को समाप्त कर दिया जाए तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है। मुझे आगे केस नहीं लड़ना है। पीड़िता प्रियंका सेठ के इस बयान के बद सिविल कोर्ट रांची के न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने ट्रायल फेस कर रहा चारों आरोपियों को बरी कर दिया। पीड़िता ने घटना को लेकर 13 जनवरी 2020 को दहेज प्रताड़ना, मारपीट करने समेत अन्य आरोप लगाते हुए चुटिया के तपोवन अपार्टमेंट निवासी अपने पति आदित्य सेठ, सास शशि सेठ, ससुर सुरेंद्र सेठ एवं ननद अंजली सेठ के खिलाफ महिला थाना में नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
जिसमें कहा गया था कि 12 दिसंबर 2014 को रांची के मिलन पैलेस में आदित्य सेठ के साथ शादी हुई थी। शादी के समय दहेज में 5 लाख नगद, 5 लाख के जेवरात, 2 लाख का कपड़ा एवं सामान दिया गया था। आरोप लगाई थी शराब पीकर घर आना एवं उसके साथ मारपीट किया जाता था। इतना ही नहीं दूसरी लड़की के साथ संबंध होने की बात कही गई थी। मई 2018 में मारपीट कर घर से निकाल दिया गया था। घटना के डेढ़ साल बाद प्राथमिकी दर्ज कराई थी। लेकिन अदालत में अपने पूर्व के बयान से मुकर गई।