Ranchi: झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस सुभाष चंद की पीठ ने 2017 में चलती ट्रेन से गिरकर मौत होने के मामले में आश्रित पत्नी कविता देवी को 8 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है। अदालत ने इस राशि पर नौ प्रतिशत ब्याज भी चुकाने का आदेश रेलवे को दिया है। हाई कोर्ट ने रेलवे दावा न्यायाधिकरण के उस फैसले को निरस्त कर दिया, जिसने प्रार्थी के दावे को खारिज कर दिया गया था। सोमवार को अपलोड हुए फैसले में पीठ ने कहा है कि ट्रेन में यात्रा करने वाले शंभु साहनी एक वास्तविक यात्री था, जबकि जांच रिपोर्ट के दौरान उसके पास टिकट नहीं था। पीठ ने कहा कि यह तथ्य पूरी तरह साबित हो चुका है कि शंभु साहनी टिकट लेकर यात्रा कर रहा था। भले ही जांच रिपोर्ट तैयार करते समय उसके पास से टिकट बरामद नहीं हुआ हो। शंभु साहनी की पत्नी की ओर से शपथ पत्र दाखिल करना ही यह अनुमान लगाने के लिए पर्याप्त है कि वह टिकट लेकर यात्रा कर रहा था।
रेलवे की ओर से न तो मौखिक और न ही कोई दस्तावेजी साक्ष्य पेश किया गया है, जिससे पता चले कि
शंभु साहनी बिना टिकट के यात्रा कर रहा था। मामले में प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता चैताली सिन्हा ने पक्ष रखा। शंभू की पत्नी कविता देवी ने रेलवे दावा न्यायाधिकरण में याचिका दाखिल की। जिसके अनुसार सात जून 2017 को शंभु साहनी पीरपैंती स्टेशन से द्वितीय श्रेणी के टिकट के साथ साहिबगंज जंक्शन पर हावड़ा-गया एक्सप्रेस में सवार हुए थे। जैसे ही ट्रेन पीरपैंती के पास पहुंची, मृतक उतरने के लिए ट्रेन के दरवाजे की ओर बढ़ा। दरवाजे के पास यात्रियों की भीड़ जमा होने के कारण धक्का-मुक्की होने लगी। जिससे साहनी का संतुलन बिगड़ गया और वह अम्मापाली हाल्ट और पीरपैंती स्टेशन के बीच चलती ट्रेन से गिर गया। उसे गंभीर चोटें आईं और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। स्थानीय रेल पुलिस ने यूडी का मामला दर्ज किया। अदालत ने कहा है कि रेलवे द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजी साक्ष्य से पता चलता है कि यह अप्रिय घटना तब हुई जब शंभु साहिबगंज और पीरपैंती स्टेशन के बीच चलती ट्रेन से गिर गया था।