Ranchi:। झारखंड हाईकोर्ट ने शिक्षिका के यौन शोषण के आरोपी डीएवी कपिलदेव के पूर्व प्राचार्य मनोज कुमार सिन्हा की जमानत रद्द कर दी है। जस्टिस एके चौधरी की अदालत में पीड़िता की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया गया। अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा कि आरोपी का जमानत पर रहना न्यायिक प्रक्रिया के लिए खतरनाक है, क्योंकि उसने सबूतों से छेड़छाड़ की और गवाहों को डराने-धमकाने का प्रयास किया। ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया है कि वह मुकदमे का सामना करने के लिए उसकी गिरफ्तारी के लिए सभी कठोर कदम उठाए। पीड़िता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि मनोज कुमार सिन्हा ने केस को प्रभावित करने के लिए माओवादी संगठन पीएलएफआई के सदस्यों का सहारा लिया। पीड़िता के मंगेतर को व्हाट्सएप के माध्यम से 10 लाख रुपये की रंगदारी मांगी गई और केस वापस लेने का दबाव बनाया गया। आरोपी को हाईकोर्ट ने अरगोड़ा कांड संख्या 163/2022 मामले में 21 नवंबर 2022 को जमानत की सुविधा प्रदान की थी।
याचिका में यह भी उल्लेख किया गया कि 11 अक्टूबर 2024 को एक बिना नंबर प्लेट की ऑटो रिक्शा ने जानबूझकर पीड़िता की दोपहिया वाहन को टक्कर मारी। इसके बाद 19 अक्टूबर को एक और गंभीर घटना सामने आई, जिसमें मनोज और उसके सहयोगियों ने पीड़िता की कार में छह जिंदा कारतूस रखकर उसे झूठे मामले में फंसाने की कोशिश की। इस संबंध में पुलिस जांच के दौरान स्कूल के सीसीटीवी फुटेज से पुष्टि हुई कि एक अज्ञात व्यक्ति ने वाहन में गोलियां रखीं थीं। कोर्ट ने इन तथ्यों और प्रस्तुत साक्ष्यों को गंभीरता से लेते हुए कहा कि आरोपी ने न केवल न्याय प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास किया, बल्कि पीड़िता और उसके परिवार को खतरे में भी डाला। अदालत ने पीड़िता की दलीलों को स्वीकार करते हुए आरोपी मनोज कुमार सिन्हा की जमानत रद्द करने का आदेश दिया।