Ranchi: SDO Promotion in Jharkhand झारखंड हाईकोर्ट ने एसडीओ को प्रोन्नित नहीं देने के मामले में सुनवाई करते हुए मुख्य सचिव से जवाब तलब किया है। अदालत ने मुख्य सचिव से पूछा है कि प्रोन्नति की सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद भी अब तक इनकी प्रोन्नति के लिए अधिसूचना क्यों नहीं जारी की गई है। अदालत ने तीन सप्ताह में मुख्य सचिव को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
जस्टिस डॉ एसएन पाठक की पीठ में मामले में सुनवाई हुई। वादी सुषमा नीलम सोरेन व अन्य के अधिवक्ता शादाब बिन हक ने अदालत को बताया कि डीपीसी (विभागीय प्रोन्नति कमेटी) ने सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद नवंबर 2020 को ही एडिशनल कलेक्टर के पद पर प्रोन्नति की अनुशंसा कर दी। इस पर मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री ने भी अपनी अनुमति प्रदान कर दी। इसके बाद भी विभाग की ओर से प्रोन्नति की अधिसूचना जारी नहीं की गई।
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अब इस मामले में कहा जा रहा है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए मुख्य सचिव ने एक पत्र जारी किया था। दिसंबर 2020 में जारी पत्र में कहा गया था कि कोरोना संक्रमण के चलते राज्य में लंबित सभी प्रोन्नति पर रोक लगाई जा रही है। अधिवक्ता शादाब बिन हक ने कहा कि रोक के बाद भी जनवरी 2021 में सीडीपीओ को प्रोन्नति देते हुए जिला समाज कल्याण पदाधिकारी बना दिया गया।
ऐसे में जब राज्य में प्रोन्नति पर रोक है, तो सीडीपीओ को प्रोन्नति कैसे दे दी गई, जबकि उनके मामले में सारी प्रक्रिया पूरी कर पूर्व में ही अनुशंसा भी दे दी गई, लेकिन अभी तक अधिसूचना न जारी कर राज्य सरकार उनके साथ भेदभाव कर रही है। प्रोन्नति के मामले में राज्य सरकार मनमाने तरीके से काम कर रही है, जो कि उचित नहीं है।
सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले में मुख्यसचिव को शपथ पत्र दाखिल कर स्थिति की जानकारी देने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि जब प्रोन्नति की सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी, तो सिर्फ अधिसूचना जारी करने में देरी क्यों हो रही है। मामले में तीन सप्ताह बाद सुनवाई होगी। इसको लेकर सुषमा नीलम सोरेन सहित 25 अन्य एसडीओ ने अदालत में याचिका दाखिल की है।