Court News: रांची सिविल कोर्ट ने यौन संबंध बनाने के मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। अदालत ने कहा कि पीड़ित महिला ने उस व्यक्ति के साथ संभोग (intercourse) की सहमति दी जिसके साथ वह गहराई से प्यार करती थी। इस वादे पर कि वह उससे शादी करेगी। पूरी तरह से वयस्क महिला होने के कारण वह उसके परिणामों को समझने में विफल रही और वर्षों तक संबंध में रही और घटना के बारे में खुलासा तब हुआ जब आरोपी व्यक्ति ने शादी करने से इनकार कर दिया।
अदालत ने दुष्कर्म मामले की सुनवाई करते हुए अपने फैसले में कहा है कि पीड़िता पूरी तरह से वयस्क महिला है और यौन संबंध के कृत्य के परिणामों को समझने में सक्षम है। साथ ही सुनवाई के दौरान ऐसा कोई ठोस साक्ष्य नहीं आया कि आरोपी ने उसकी सहमति के बिना संबंध बनाता रहा। न्यायायुक्त दिवाकर पांडे ने पुंदाग थाना क्षेत्र के दीपा टोली निवासी युवक परवेज अंसारी को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। सुनवाई के दौरान पीड़िता समेत नौ गवाहों की गवाही दर्ज की गई थी।
अदालत ने दिए कई तर्क
इस मामले में कई परिस्थितियां ऐसी हैं, जो मामले की उत्पत्ति को संदिग्ध बनाती हैं। (i) पीड़िता पूरी तरह से वयस्क महिला होने के कारण परिणामों को समझने में विफल रही और वर्षों तक संबंध में रही और घटना के बारे में खुलासा किया लेकिन आरोपी व्यक्ति ने शादी करने से इनकार कर दिया
(ii) पीड़िता के माता-पिता की स्वीकारोक्ति गवाही कि वह आरोपी के साथ गहरे प्यार में थी और वर्षों तक यौन संबंध में रही।
(iii) गवाहों की गवाही से यह तथ्य स्थापित हुआ कि पीड़िता एक संयुक्त परिवार में रह रही थी और परिवार के किसी भी सदस्य ने आरोपी व्यक्ति के साथ उसके संबंध का विरोध नहीं किया, जबकि यह सभी को पता था।
जाने पूरा मामला क्या है
पीड़ित महिला ने नवंबर 2018 में महिला थाना में दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए परवेज अंसारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जिसमें कहा गया था कि रिश्तेदार ने ही घर में यौन संबंध बनाया। शादी का झांसा देकर वह लगातार यौन संबंध बनाता रहा। इसके बाद जब शादी की बात कही तो वह मुकर गया। धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए लगातार यौन संबंध बनाने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी।