देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ अकसर अपनी दरियादिली और बेबाक अंदाज के लिए सुर्खियों में रहते हैं। इस बार फिर वह अपनी दरियादिली और फौरन एक्शन लेने की वजह से चर्चा में हैं। हुआ यूं कि सोमवार को जब वह तीन जजों की पीठ की अध्यक्षता कर रहे थे, तभी उनकी अदालत में एक ऐसे व्यक्ति का प्रवेश हुआ, जो सांस लेने में गंभीर समस्या से जूझ रहा था। उसने अपनी याचिका के बारे में चीफ जस्टिस से कुछ कहा तो CJI ने उस शख्स से कहा कि आपकी याचिका दाखिल करने में देरी हो रही है।
इस पर उस व्यक्ति ने सीजेआई से गुहार लगाते हुए कहा, मुझे गंभीर बीमारी है। मैं वकील की फीस नहीं दे सकता। समझ नहीं पा रहा कि मैं कैसे और क्या इंतजाम करूं? इस पर मुख्य न्यायाधीश जस्टिस चंद्रचूड़ ने फौरन कार्रवाई की और कोर्ट रूम में ही वरिष्ठ वकील शोएब आलम की तरफ मुखातिब होते हुए कहा कि ये व्यक्तिगत रूप से पेश हो रहे हैं। आप इनकी मदद कीजिए।
इसके बाद सीजेआई ने ही शोएब आलम को केस से जुड़ी जानकारी दी और उस बीमार व्यक्ति से कहा, “ये बड़े वकील साहब हैं। ये आपसे कोई फीस नहीं लेंगे। ये एमिकस क्यूरी के तौर पर पेश होंगे और आपके मामले को देखेंगे।” इसके साथ ही जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि मामले में एडवोकेट उज्जवल सिंह एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड होंगे। जिस वक्त सीजेआई यह कह रहे थे, उस वक्त उनके साथी जज बेंच पर बैठे थे और कोर्ट रूम भी भरा हुआ था।