Land Scam: जमीन घोटाला मामले पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) से जुड़े केस में गिरफ्तार गाड़ीगांव निवासी जमीन कारोबारी शेखर महतो उर्फ शेखर कुशवाहा से ईडी तीन दिनों तक पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ प्रारंभ करेगी। पीएमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश राजीव रंजन ने शुक्रवार को तीन दिनों की पूछताछ की अनुमति प्रदान की है। ईडी की ओर से सात दिनों की पुलिस रिमांड की मांग की गई थी। पूछताछ के बाद 18 जून को कोर्ट में पेश किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर ईडी आगे और पुलिस रिमांड की मांग करेगी। ईडी ने बुधवार को उक्त आरोप में गिरफ्तार किया था। गुरुवार को कोर्ट में पेश किया। जहां से उसे न्यायिक हिरासत में लेते हुए बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार भेज दिया गया था।
रांची के सदर थाना में एक जून 2023 को बड़गाईं अंचल के पूर्व राजस्व उप निरीक्षक पर दर्ज केस में 12वीं गिरफ्तारी के रूप में शेखर कुशवाहा को ईडी को गिरफ्तार किया है। ईडी ने सदर थाने के उक्त केस में ही ईसीआइआर किया था, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी गिरफ्तारी के बाद जेल में हैं।जमीन कारोबारी शेखर कुशवाहा पर बड़गाईं अंचल के गाड़ी मौजा में चेशायर होम रोड की 4.83 एकड़ जमीन के जाली दस्तावेज तैयार करने का आरोप है। मूल दस्तावेज के अनुसार यह जमीन सीएनटी एक्ट की प्रतिबंधित श्रेणी की जमीन है, जिसकी खरीद-बिक्री नहीं हो सकती है।
- जमीन के असली रैयत जीतुआ भोग्ता हैं, जिनके पिता तेतरा भोग्ता थे। हजारीबाग के मुंशी डीड राइटर इरशाद ने उक्त 4.83 एकड़ जमीन के मूल दस्तावेज में हेराफेरी कर रैयत का नाम बदलकर समरेंद्र चंद्र घोषाल व जितेंद्र चंद्र घोषाल कर दिया था। रैयत का नाम बदलकर प्रतिबंधित श्रेणी से जेनरल जमीन बना दिया और उसका सौदा कर दिया। पंजी टू के वाल्यूम 1 के पेज संख्या 139 पर यह हेराफेरी की गई, जिसे ईडी ने जांच के क्रम में पकड़ा था।
सर्किल रेट के अनुसार वह जमीन 22.61 करोड़ की है। उस जमीन का सर्किल रेट 468291 रुपये प्रति डिसमिल है। ईडी की जांच में यह खुलासा हुआ है कि उक्त जमीन के जाली कागजात तैयार करने में बड़गाईं अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, जमीन कारोबारी विपिन सिंह, अफसर अली, शेखर कुशवाहा, सद्दाम हुसैन, प्रियरंजन सहाय शामिल थे।
यह पूरा गिरोह हेमंत सोरेन से जुड़े बरियातू के 8.86 एकड़ जमीन पर कब्जे की कोशिश व अवैध तरीके से खरीद-बिक्री के मामले में भी आरोपित रहा है। आरोपितों ने 1947 की डीड संख्या 3954 और वर्ष 1940 की डीड संख्या 2376 में फर्जीवाड़ा किया था। इनमें एक फर्जी डीड 4.83 एकड़ की है जो गाड़ी मौजा के खाता संख्या 53 की 37.10 एकड़ का हिस्सा है।
पूर्व में ईडी ने शेखर कुशवाहा के आवास पर भी छापेमारी की थी। ईडी ने कुशवाहा को कई बार पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय भी बुलाया था। ईडी ने पूर्व में जब कुशवाहा से पूछताछ किया था तो उसने जमीन घोटाला मामला में शामिल होने से इंकार किया था। हालांकि, अन्य सहयोगियों से पूछताछ में कुशवाहा की भूमिका सामने आई थी। इसके बाद ही शेखर कुशवाहा गिरफ्तार हुआ।
अब तक ईडी ने जिन्हें गिरफ्तार किया
पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बड़गाईं अंचल का पूर्व राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, जमीन कारोबारी बरियातू के सद्दाम हुसैन, अफसर अली उर्फ अफ्सू खान, झामुमो नेता अंतु तिर्की, विपिन सिंह, प्रियरंजन सहाय, इरशाद अंसारी, कोलकाता के रजिस्ट्रार आफ एश्योरेंस कोलकाता के डीड सर्चर तापस घोष, चौकीदार संजीत कुमार, हजारीबाग का डीड राइटर इरशाद व अब शेखर महतो उर्फ शेखर कुशवाहा।