रांची। लालू प्रसाद की लगातार तीसरी दीपावली जेल में ही कटेगी। क्योंकि उनकी जमानत पर सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से समय की मांग की गई, जिसे स्वीकार करने के बाद हाईकोर्ट ने 27 नवंबर की तिथि निर्धारित की गई। हाईकोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत लालू प्रसाद की जमानत पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान देवर्षि मंडल ने अदालत को बताया लालू प्रसाद ने दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में आज तक 42 माह 26 दिन जेल में बिताए हैं।
जबकि सीबीआइ की कोर्ट ने लालू को दुमका वाले मामले में सात साल की सजा सुनाई है। ऐसे में यह सजा की आधी अवधि से अधिक है। उनकी ओर से इस संबंध सभी दस्तावेज अदालत में दाखिल किया गया। इसके बाद सीबीआइ ने लालू की आधी सजा पूरी होने पर सवाल उठाते हुए कहा कि इनका कहना गलत है कि इन्होंने इस मामले में आधी सजा पूरी कर ली है। इस पर लालू के अधिवक्ता ने कहा कि सीबीआइ अनावश्यक रूप से लालू के मामले में देरी करना चाहती है।
लेकिन सीबीआइ की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट से समय की मांग की गई। इसके बाद अदालत ने सीबीआइ को 23 नवंबर तक हर हाल में जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए मामले की सुनवाई 27 नवंबर को निर्धारित की है। लालू प्रसाद की तबीयत को लेकर रिम्स प्रबंधन की रिपोर्ट और जेल आईजी की रिपोर्ट अदालत में दाखिल की गई है। लेकिन जेल आइजी की रिपोर्ट रिकॉर्ड पर नहीं होने की वजह से इस मामले की भी सुनवाई 27 नवंबर को निर्धारित की गई है।
गौरतलब है कि लालू प्रसाद को दुमका वाले मामले में सीबीआई कोर्ट ने सात साल की सजा सुनाई है। जमानत याचिका में लालू प्रसाद ने किडनी, हृदय रोग सहित 16 तरह की बीमारी होने का हवाला दिया गया है। फिलहाल उनका इलाज रिम्स के निदेशक बंगले में हो रहा है।