Ranchi: Judge Uttam Anand Murder Case धनबाद के जज उत्तम आनंद हत्याकांड मामले में सीबीआई की जांच की रिपोर्ट देखने के बाद झारखंड हाईकोर्ट ने कहा कि रिपोर्ट से पता चलता है कि ऑटो चालक ने जज को जानबूझ कर टक्कर मारी है। ऐसा नशा करने की वजह से अचानक नहीं हुआ। अदालत ने कहा कि क्या सीबीआई ने उस बाइक सवार से पूछताछ की है, जो घटना के समय जज को देखता है और वहां से निकल जाता है।
चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में सुनवाई के दौरान सीबीआई के जांच पदाधिकारी ने कहा कि उन्होंने उस व्यक्ति से पूछताछ की है। उसने बताया कि उन्हें हाई बीबी है और खून देखने से उनको घबराहट होती है। इसके बाद उन्हें छोड़ दिया गया है। इस पर अदालत ने कहा कि क्या सीबीआई ने उनके मेडिकल इतिहास के बारे में दस्तावेज की जांच की है।
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इस दौरान जांच अधिकारी ने कहा कि तीन अन्य संदिग्ध के बारे में जानकारी ली जा रही है। सीबीआई प्रोफेशनल तरीके से जांच की हर कड़ी को जोड़ रही है, ताकि इस मामले में हुए षडयंत्र का पर्दाफाश किया जा सके। अदालत ने कहा कि घटना के इतने दिनों बाद तीन संदिग्धों की अभी तक पहचान नहीं होना, थोड़ा निराश करने वाला है। जबकि आपके पास सीसीटीवी फुटेज भी है।
सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि कोर्ट के ऐसा प्रतीत होता है कि जब जज को ऑटो ने टक्कर मारी थी, तो उस समय बाइक सवार रूकते हुए जज को देखता है और वहां से निकल जाता है, जैसे वह इस घटना में जज की मौत होना सुनिश्चित करना चाहता है। अदालत ने उसकी पूरी जांच करने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा यह जरूरी है क्योंकि वह कोलियरी में काम करता है।
अदालत ने रिपोर्ट में थोड़ी जानकारी देने पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई की जांच रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में उनके सामने प्रस्तुत की जाती है। सिर्फ कोर्ट ही इसका अवलोकन करती है और मामले के बाद उसे फिर से सीलबंद करते हुए रजिस्ट्रार जनरल के यहां रखा जाता है। इसे कोई नहीं पढ़ सकता है। क्योंकि यह पब्लिक डोमेन नहीं है और न ही कोर्ट के रिकॉर्ड में रहता है।