रांची। हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में प्राथमिक शिक्षकों के लिए आरक्षित और खाली सीट पर नियुक्ति को लेकर दाखिल याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने इस मामले में राज्य सरकार व जेएसएससी को शपथ पत्र के माध्यम से जवाब पेश करने का निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकार से पूछा कि जब कई विषयों में रिक्त पदों पर नियुक्ति की अनुमति दी गयी है, तो उर्दू विषय के रिक्त पद को पर नियुक्ति के लिए अनुमति क्यों नहीं दी गयी है।
सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अदालत को बताया गया कि सरकार ने प्राथमिक शिक्षकों के लिए आरक्षित सीटें अभी भी खाली रह गई है, उस पर सीधी भर्ती के आवेदकों से भरने की अनुमति दे दी है। उसमें उर्दू विषय के पदों के लिए अनुमति नहीं दी गई है। इस पर अदालत ने सरकार व जेएसएससी से जवाब मांगा है। गौरतलब है कि शफी आलम ने हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति में उर्दू विषय के रिक्त पदों पर सीधी भर्ती कराने का निर्देश देने का कोर्ट से आग्रह किया है।
शिक्षक नियुक्ति में सरकार, जेएसएससी और एनसीटीई से मांगा जवाब
जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत में हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत राज्य सरकार, जेएसएससी और एनसीटीई से जवाब मांगा है। मामले में चार सप्ताह बाद सुनवाई होगी। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अदालत को बताया गया कि हाईस्कूल नियुक्ति के लिए वे शैक्षणिक आहर्ता को पूरा करते हैं, लेकिन जेएसएससी उनके आवेदन को रद कर दिया। जेएसएससी की ओर से अदालत को बताया गया कि इनकी डिग्री विज्ञापन की शर्तों के अनुरूप नहीं है। जिस संस्थान से इन्होंने डिग्री प्राप्त की है उसे एनसीटीई की मान्यता नहीं है। इन्होंने बीएड स्पेशल एजुकेशन में किया है, इसलिए इनका चयन नहीं हुआ। इसके बाद अदालत ने सरकार, जेएसएससी और एनसीटीई से जवाब मांगा है।
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