जमशेदपुर का अयप्पा मंदिर मामलाः झारखंड हिन्दू धार्मिक न्यास बोर्ड के आदेश पर लगाई रोक हाईकोर्ट ने
रांची: झारखंड हाईकोर्ट की एकलपीठ ने जमशेदपुर के प्रसिद्ध अयप्पा मंदिर की समिति में अव्यवस्था का हवाला देते हुए मंदिर प्रबंधन पर 28 लाख 99 हजार रुपये बकाया होने की बात कहते हुए मंदिर समिति को भंग कर नया ट्रस्ट बनाने के झारखंड हिंदू धार्मिक न्यास बोर्ड के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की। मामले में हाईकोर्ट की एकलपीठ ने 17 अगस्त 2023 को झारखंड हिंदू धार्मिक न्यास बोर्ड के उस आदेश पर रोक लगा दी थी। जिसमें अयप्पा मंदिर प्रबंधन पर 28 लाख 99 हजार रुपये बकाया बताते हुए भुगतान नहीं करने पर मंदिर समिति को भंग कर नया ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया गया था।
कोर्ट ने हिंदू धार्मिक न्यास बोर्ड को मामले में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है और मामले की अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को तय की है। इससे पहले याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि 1977 में टाटा स्टील से जमीन दान लेकर जमशेदपुर में अयप्पा मंदिर का निर्माण कराया गया था। तब से लेकर अब तक एक के बाद एक समिति द्वारा अयप्पा मंदिर का संचालन लगातार किया जा रहा है। मंदिर समिति पर कुप्रबंधन की बात कही जा रही है, जो गलत है। मंदिर 51 साल से अधिक समय से स्वच्छता और सेवाभाव से काम कर रहा है। अयप्पा मंदिर प्रबंधन में कुप्रबंधन जैसी कोई बात नहीं है। बकाया पैसे के भुगतान के मामले में मंदिर समिति के कुप्रबंधन की बात कहां से आ रही है।