रांचीः झारखंड हाईकोर्ट ने रांची में बिना नक्शा पास हुए आवास और भवन बनाने के मामले में नगर निगम से जवाब मांगा है। चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने नगर निगम से पूछा है कि आखिर कैसे बिना नक्शा के मकान और भवन का निर्माण हो जाता है। इसकी जांच के लिए निगम के पास जो तंत्र है वह क्या करता है।
अदालत ने निगम को यह बताने को कहा है कि अवैध मकान और निर्माण रोकने के लिए निगम के पास कौन सा मैकेनिज्म है और वह कैसे काम करता है। इस मामले में अगली सुनवाई आठ जनवरी को होगी है। इसको लेकर राजन कुमार सिंह एवं अन्य ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है।
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याचिका में कहा गया है कि रांची नगर निगम में कई इलाके में बिना नक्शा पास किए मकान बना दिए गए हैं। कई मकान के निर्माण में नक्शे का विचलन किया गया है और पार्किंग का जगह भी नहीं छोड़ा गया है। प्रार्थी ने अपर बाजार का हवाला देते हुए कहा कि यहां कोई भी मकान नक्शे के अनुरूप नहीं बना है।
यहां पर भवनों का व्यावसायिक इस्तेमाल भी हो रहा है, लेकिन वहां पर पार्किंग नहीं बना है। जिस भवन में पार्किंग हैं, उसमें दुकाने चल रही हैं। ऐसे में इस क्षेत्र में बहुत ज्यादा जाम लगता है। शिकायत के बाद नगर निगम की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।
नगर निगम की ओर से बताया गया कि अपर बाजार की जांच की जा रही है। अभी तक 352 लोगों को नोटिस भेज कर नक्शा पेश करने को कहा गया है। जो लोग नक्शा पेश नहीं करेंगे उनके अवैध निर्माण करने के लिए यूसी केस दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
इस पर कोर्ट ने कहा कि नगर निगम को अवैध निर्माण रोकने और बिना नक्शा निर्माण न हो इसके लिए उचित तरीके से काम करना होगा। अतिक्रमण और अवैध निर्माण को समय रहते नहीं रोके जाने पर कई दिक्कतें आती हैं। अदालत ने पूरे मामले पर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।