रांचीः रांची- जमशेदपुर (NH-33) फोरलेनिंग की धीमी गति को लेकर स्वत: संज्ञान दर्ज मामले में गुरुवार को (Jharkhand High Court) झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि एनएच 33 पर वाहनों की गति को नियंत्रित करने के लिए स्पीड टेस्टिंग गन लगाएं।
अदालत ने कहा कि सड़क बेहतर बनने के बाद वाहनों की रफ्तार तेज होगी। इसपर अंकुश के लिए स्पीड टेस्टिंग गन (Speed Testing Gun) लगाएं और तेज गति से वाहन चलाने वालों से टोल टैक्स पर जुर्माना वसूलने की व्यवस्था की जा सकती है।
जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व रत्नाकर भेंगरा की अदालत में सुवनाई के दौरान एनएचएआई ने बताया कि कोविड- 19 के चलते सड़क निर्माण में संवेदक को छह माह का एक्सटेंशन दिया गया है। रांची- जमशेदपुर सड़क निर्माण का कार्य जून 2021 तक पूरा कर लिया जाएगा।
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इसके अलावा वाटरपाइप लाइन, ऑप्टिकल फाइबर और सर्विस रोड के काम के लिए अलग से टेंडर जारी किया जाएगा। इसके बाद कोर्ट ने एनएचएआई को प्रगति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देते हुए अगली सुनवाई की तिथि 27 जनवरी को निर्धारित की है।
एनएच के बरही- हजारीबाग एनएच के लिए पेड़ों की कटाई से संबंधित जनहित याचिका पर भी कोर्ट ने सुनवाई की। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि बरही- हजारीबाग स्ट्रैच पर 14 इंच परिधि से कम वाले कितने पेड़ों टांसप्लांटेशन किया गया।
इस दौरान कितने पेड़ काटे गए और इसके बदले में कितने पौधे लगाए गए हैं। साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि पेड़ों के टांसप्लांटेशन के लिये मशीन खरीदने के संबंध में क्या निर्णय लिया गया है।