झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डा बीआर सारंगी के सम्मान में शुक्रवार को फुलकोर्ट फेयरवेल रिफरेंस का आयोजन किया गया। इस दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि मुझे झारखंड में काम करने का बहुत कम समय मिला, इसमें भी लंबित मामलों के निष्पादन की कोशिश की। अगर मुझे और समय मिलता तो झारखंड के लिए ज्यादा बेहतर कर पाता। उन्होंने कहा कि उनके पिता ने हमेशा कहते थे कि ईमानदारी से अपना काम करना चाहिए। उसकी प्रेरणा से ही सारा काम करता हूं। मैं अपनी पत्नी और दो बेटियों को भी धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने हर परिस्थितियों मेरा साथ दिया है। मेरे शिक्षकों को भी बहुत धन्यवाद है, जिनकी वजह से मैं इस लायक बन पाया।
झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ बीआर सारंगी ने शुक्रवार को अंतिम दिन कोर्ट किया। उनके सम्मान में शुक्रवार को फुलकोर्ट फेयरवेल का आयोजन किया गया। इस दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन, हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन की अध्यक्ष ऋतु कुमार, झारखंड स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष राजेंद्र कृष्ण ने चीफ जस्टिस की जीवनी एवं उनके द्वारा किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला। इससे पहले हाई कोर्ट के जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद ने चीफ जस्टिस बीआर सारंगी द्वारा न्यायिक सेवा में दिए गए योगदान एवं कार्यों की विस्तृत से जानकारी दी।
इस अवसर पर हाईकोर्ट के सभी जज, वरीय अधिवक्ता, हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल मो शकीर, हाईकोर्ट रजिस्ट्री के अधिकारी एवं कर्मचारी, कई अधिवक्ता उपस्थित थे। बता दें की जस्टिस बीआर सारंगी ने झारखंड हाईकोर्ट के 15वें चीफ जस्टिस के रूप में पांच जुलाई को पद एवं गोपनीयता की शपथ ली थी।