HC News Illegal construction case in Jamshedpur : झारखंड High Court के जस्टिस आनंद सेन की अदालत में जमशेदपुर में अवैध निर्माण हटाए जाने से संबंधित मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति (अक्षेस) के शपथ पत्र से असंतुष्टि जाहिर की। अदालत ने कहा कि अक्षेस कितने अवैध भवनों को ध्वस्त किया है। कितनों को किया जाना है। इसकी जानकारी तत्काल कोर्ट में प्रस्तुत करे। मामले में अगली सुनवाई 17 मई को होगी।
इस दौरान साकची में ध्वस्त होने वाले भवन के बिल्डर की ओर से अपनी संपत्ति का ब्योरा सीलबंद लिफाफे में प्रस्तुत किया। चुनाव Duty में होने के कारण एसडीओ की ओर से बेसमेंट में बनी अवैध दुकानों को ध्वस्त करने की जानकारी नहीं दी जा सकी। पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि अक्षेस के अधिकारियों की मिलीभगत के बिना अवैध नक्शा और अवैध निर्माण नहीं हो सकता है। अधिकारियों की संलिप्तता पाए जाने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके अवैध निर्माण करने वाले बिल्डर को भी नहीं छोड़ा जाएगा। जिन्होंने मिलीभगत कर अवैध नक्शा पास कराया है। इस दौरान अदालत ने कोर्ट की ओर से बनी जांच कमेटी को जमशेदपुर का निरीक्षण कर अवैध निर्माण को चिह्नित करने का निर्देश दिया है।
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अदालत ने मामले में अक्षेस को भी जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। पूछा था कि कितने भवनों के बेसमेंट में दुकानों का निर्माण किया गया है और इसके खिलाफ उनकी ओर से क्या कार्रवाई की गई है। बता दें कि जमशेदपुर नोटिफाइड एरिया कमेटी को साकची क्षेत्र की बहुमंजिली इमारत के पार्किंग क्षेत्र में बनी दुकानों को अविलंब ध्वस्त करने का निर्देश दिया है। इसको लेकर अशोक कुमार एवं अन्य की ओर से याचिका दाखिल की गई थी। प्रार्थियों ने इस इलाके में नक्शा विचलन कर किए गए निर्माण को ध्वस्त करने की कार्रवाई पर रोक लगाने का आग्रह किया था।
अदालत ने कहा था कि पार्किंग क्षेत्र में किसी प्रकार के निर्माण की इजाजत नहीं दी जा सकती, भले ही बहुमंजिली इमारत को पास कोई बड़ा भूखंड खाली ही क्यों न हो। बहुमंजिली इमारतों के पार्किंग स्थान का सिर्फ पार्किंग के लिए ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए। यदि ऐसे भवनों की पार्किंग एरिया में दुकान या किसी प्रकार का निर्माण किया गया है तो उसे अविलंब ध्वस्त किया जाए। यदि निर्माण तोड़ने के दौरान किसी प्रकार की बाधा पहुंचाई जाए तो स्थानीय प्राधिकार उसके खिलाफ कार्रवाई करने को स्वतंत्र है।