Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एसएन प्रसाद व जस्टिस नवनीत कुमार की खंडपीठ में मंगलवार को पैनम माइंस कंपनी की ओर से अवैध खनन की जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकार के जवाब पर असंतुष्टि जताई। अदालत ने कहा कि कई बार समय दिए जाने के बाद भी सरकार मामले में स्पष्ट जवाब दाखिल नहीं कर रही है। अदालत ने मौखिक कहा कि आखिर सरकार किसको बचाना चाह रही है। अदालत ने कहा कि यह मामला सीबीआइ जांच को सौंपे जाने का लिए उपयुक्त है। लेकिन अदालत मामले में सरकार को स्पष्ट जवाब दाखिल करने के लिए एक और मौका दे रही है। मामले में अगली सुनवाई 19 फरवरी को होगी।
इसको लेकर अधिवक्ता राम सुभग सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि पैनम कोल कंपनी को पाकुड़ में खनन का लीज मिला था। कंपनी ने निर्धारित क्षेत्र से अधिक जमीन पर खनन किया था। इससे राज्य सरकार को करीब 100 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ था। सरकार ने मामले की जांच कराई थी। जांच में भी अवैध खनन किए जाने और राजस्व के नुकसान की बात कही गई थी। लेकिन उक्त जांच रिपोर्ट पर सरकार की ओर से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। प्रार्थी की ओर से बताया गया कि उक्त क्षेत्र के लोगों को पुनर्वास सहित अन्य सुविधा भी प्रदान नहीं की गई है। पूर्व में अदालत ने जांच रिपोर्ट पर की गई कार्रवाई की जानकारी सरकार से मांगी थी। लेकिन मंगलवार को भी सरकार की ओर से मामले में स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया।