Ranchi: थोक शराब बिक्री को लेकर झारखंड सरकार की ओर से बनाई गई नई नियमावली को चुनौती देने वाली याचिका पर आज सुनवाई होगी। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में इस मामले में सुनवाई निर्धारित है।
पिछली सुनवाई के बाद अदालत ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सुनवाई के दौरान वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार ने अदालत को बताया कि झारखंड उत्पाद अधिनियम-1915 की धारा 20-22 और 38 के अनुसार लाइसेंस निर्गत करने के लिए सक्षम पदाधिकारी कलेक्टर होते हैं।
नई नियमावली में उक्त अधिकार उत्पाद आयुक्त को दे दिया गया है। अधिनियम की धारा-90 के अनुसार लाइसेंस निर्गत करने के लिए शर्तों का निर्धारण अथवा नियम बनाने का अधिकार बोर्ड आफ रेवन्यू को दिया गया है, लेकिन सरकार ने ही सभी नियम बना दिए हैं।
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ऐसे में नई नियमावली अवैध एवं गैरकानूनी है। अजीत कुमार ने कहा कि इसको लेकर राज्य सरकार ने नौ जून 2021 को गजट प्रकाशन किया। इसमें विभाग ने नई नियमावली लागू करने की तिथि आठ अगस्त 2021 तय की थी। लेकिन नई नियमावली लागू होने से पूर्व ही 11 जून 2021 को शराब के थोक व्यवसाय के लिए लाइसेंस जारी करने का विज्ञापन जारी कर दिया गया।
जब यह मामला कोर्ट में उठाया गया तो विभाग ने24 जून 2021 को अधिसूचना जारी कर नौ जून से ही नई नियमावली के लागू होने की बात कही। इसलिए उक्त नियमावली पर रोक लगाई जाए। इस पर अदालत ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने नोटिस को प्राप्त किया। बता दें कि राज्य सरकार ने झारखंड मदिरा भंडारण एवं थोक बिक्री नियमावली-2021 बनाई है। झारखंड रिटेल लिकर वेंडर एसोसिएशन के अध्यक्ष अचिंत्य साव ने इसे गैरकानूनी घोषित करने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।