ईडी के समन के खिलाफ झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका पर छह अक्टूबर को सुनवाई होगी। उनके अधिवक्ता की ओर से हाई कोर्ट से इस मामले की जल्द सुनवाई का आग्रह किया गया था। जिसके बाद अदालत ने मामले में छह अक्टूबर को सुनवाई निर्धारित की है।
यह मामला हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है। ईडी ने हेमंत सोरेन को समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ईडी के समन को अवैध बताते हुए हाई कोर्ट में चुनौती दी है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हाई कोर्ट में दाखिल की याचिका
इससे पहले हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें हाई कोर्ट में पक्ष रखने का निर्देश दिया था। इसी आलोक में हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। जिसमें कहा गया है कि ईडी ने उन्हें पहले भी अवैध खनन मामले में समन जारी किया था।
समन पर वह ईडी के समक्ष उपस्थित होकर अपना बयान दर्ज कराया। इस दौरान उन्होंने अपनी और अपने परिवार की सारी संपत्तियों का ब्योरा दिया। उनके और उनके परिवार की सारी संपत्ति आयकर में घोषित है। इसके बावजूद ईडी ने उन्हें फिर समन भेजा है।
याचिका में मौलिक अधिकार का बताया हनन
ईडी का समन गैरकानूनी और उनके मौलिक अधिकारों के खिलाफ है। याचिका में कहा गया है कि आइपीसी के तहत किसी मामले की जांच के दौरान जांच एजेंसी के समक्ष दिए बयान की मान्यता कोर्ट में नहीं है, लेकिन पीएमएलए एक्ट की धारा 50 के तहत जांच के दौरान एजेंसी के समक्ष दिए गए बयान की कोर्ट में मान्यता है।
पीएमएलए में निहित शक्तियों के तहत बयान दर्ज करने के दौरान ही ईडी को किसी को गिरफ्तार करने का अधिकार है। सीएम हेमंत सोरेन ने अदालत से ईडी के समन को निरस्त किए जाने की मांग की है। इसका डर हमेशा बना रहता है।
इधर, उनके अधिवक्ता श्रेय मिश्रा की ओर से ईडी के सहायक निदेशक को पत्र लिखकर पूरे मामले की जानकारी दी गई है। पत्र में कहा गया है कि इस मामले में हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। ऐसे में जब तक हाई कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता है, तब तक ईडी आगे की कोई कार्रवाई नहीं करे।