HC News: हाई कोर्ट ने दिल्ली के मुख्य सचिव को शहर में वरिष्ठ नागरिकों की सुविधा के लिए घर-घर सर्वेक्षण के अभ्यावेदन पर 12 सप्ताह में निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ सलेक चंद जैन की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
इसमें वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ होने वाले अपराधों का एक अलग डेटा बनाए रखने के लिए दिल्ली पुलिस को अदालत से निर्देश देने की भी मांग की गई थी। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील दिनेश पी राजभर ने कहा कि वर्तमान में दिल्ली में केवल दो सरकारी या सहायता प्राप्त वृद्धाश्रम हैं। एक बिंदापुर में है, जिसे दिल्ली सरकार द्वारा निजी-सार्वजनिक भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर चलाया जा रहा है और दूसरा लामपुर में है, जिसे दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाता है।
वकील ने कहा कि एक अन्य वरिष्ठ नागरिक गृह दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) द्वारा चलाया जाता है। इन्हें बढ़ाए जाने की जरूरत है, जिससे कि बुजुर्गों को सहूलियत हो। ज्ञात हो कि राजधानी में बुजुर्गों को अपराधियों द्वारा आए दिन निशाना बनाया जाता है। इसी को लेकर कोर्ट में सुविधा की मांग हुई है।