हाईकोर्टः हजारीबाग की ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार के मामले में हाईकोर्ट ने अधिवक्ता प्रशांत पल्लव को प्लीडर कमीश्नर नियुक्त करते हुए उन्हें स्थल का निरीक्षण करने और 15 दिनों में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। चीफ जस्टिस डॉ बीआर सारंगी और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने अच्युत स्वरूप मिश्रा की जनहित याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से जवाब दाखिल करते हुए कहा गया कि जाम वाले स्थान पर ट्रैफिक लाइट लगायी गयी है। कई और कदम उठाए जा रहे हैं। सड़कों से अतिक्रमण हटाया जा रहा है। इसका प्रार्थी ने विरोध किया और कहा कि अधिकांश जगह ट्रैफिक लाइट नहीं लगी है। इस पर अदालत ने अधिवक्ता प्रशांत पल्लव को कमीश्नर नियुक्त करते हुए रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।
याचिका में कहा गया है कि हजारीबाग में ट्रैफिक लाइट की व्यवस्था नहीं है, सड़कों पर छोटे-छोटे दुकान लगते हैं। पार्किंग की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण हजारीबाग के सभी चौक चौराहों पर जाम की स्थिति रहती है। चुंगी टैक्स वसूली केंद्र के द्वारा बड़े वाहनों बस एवं ट्रक को शहर के भीतर सुबह आठ से लेकर रात के आठ बजे तक के भीतर प्रवेश करने दिया जाता है, जबकि भारी वाहन का प्रवेश झारखंड के सभी जिलों में सुबह आठ से रात आठ बजे तक नहीं रहता है। हजारीबाग शहर में करीब 1500 ई वाहन बगैर रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं। हजारीबाग शहर के डिस्टिक मोड़ चौक,कल्लू चौक,मटवारी चौक आदि में जाम की समस्या हमेशा देखने मिलती है।