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पांच मिनट में पाएं मुफ्त में कानूनी सहायता, जानिए क्या करना होगा

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रांची। झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से देश की पहली इंश्योरेंस लोक अदालत का वर्चुअल आयोजन किया गया। इस दौरान झारखंड हाई कोर्ट सहित पूरे राज्य में आयोजित लोक अदालत में 10719 मामले निष्पादित किए गए जिसमें कोर्ट में लंबित 1019 और प्रीलिटिगेशन 9700 मामले शामिल हैं। इस दौरान 65.28 करोड़ रुपये लाभुकों को दिया गया। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अनिरुद्ध बोस ने लोक अदालत का उद्घाटन वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए किया। उन्होंने कहा कि झालसा लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने में देश में सबसे आगे है।

कोरोना संकट में झालसा ने प्रदेश के प्रवासी मजदूरों सहित सभी की मदद की है। सरकार की कई योजनाओं को झालसा और डालसा की मदद से लाभुक तक पहुंचाया जा सकता है। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन ने कहा कि कोरोना संकट को चुनौती के रूप में लेते हुए झालसा लोगों को कानूनी सहायता सहित अन्य सुविधा प्रदान कर सराहनीय कार्य कर रही है। इस दौरान जरूरतमंद लोगों को तत्काल विधिक सेवा और मुफ्त सहायता प्रदान करने लिए विधिक सेवा एप और पोर्टल लांच किया। लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता लेने के लिए अब राज्य या जिला विधिक सेवा प्राधिकार के दफ्तर जाने या ऑफ लाइन आवेदन देने की जरूरत नहीं होगी।

राज्य का कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति एप के माध्यम से नि:शुल्क विधिक सहायता के लिए आवेदन कर सकता है। आवेदन करने के पांच मिनट के अंदर उसकी विधिक सहायता की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी और विधिक सेवा प्राधिकार के पैनल वकील नियुक्त कर इसकी जानकारी आवेदक को मिल जाएगा। लोग इस एप का इस्तेमाल स्मार्ट फोन से कर सकते हैं। प्रज्ञा केंद्र पर जाकर विधिक जागरूकता के लिए वेब पोर्टल से भी आवेदन कर सकते हैं और अन्य जानकारी हासिल कर सकते हैं। विधिक जागरूकता से संबंधित पंपलेट, ई हैंडबुक और आपराधिक और सिविल मामले से संबंधित जानकारी भी हासिल की जा सकती है।


अभी तक विधिक सहायता के लिए जरूरतमंद लोगों को जिला विधिक सेवा प्राधिकार या राज्य विधिक सेवा प्राधिकर के समक्ष स्वंय जाकर या आवेदन भेज कर सहायता लेने का आग्रह करना पड़ता था। आवेदन मिलने के बाद उसकी जांच कर और वकील नियुक्त करने में 10- 15 दिनों का समय लगता था। अब एप के माध्यम से जैसे ही कोई व्यक्ति अनुरोध करेगा इसकी जानकारी झालसा को हो जाएगी और झालसा तुरंत ही अपने पैनल के अधिवक्ता को मामले से संबंधित जानकारी भेज देगा।

पैनल अधिवक्ता भी ऐप के माध्यम से जुड़े रहेंगे तो उन्हें भी मिनटों में यह जानकारी उपलब्ध हो जाएगी इस प्रक्रिया को पूरी करने में पांच मिनट से अधिक का समय नहीं लगेगा। आवश्यक जानकारी के साथ-साथ यदि किसी आदेश के प्रति भी लोगों को आवश्यक होगी तो वह भी वह प्रज्ञा केंद्र के माध्यम से प्राप्त कर सकेंगे । इस दौरान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन, जस्टिस एचसी मिश्र, जस्टिस अपरेश कुमार सिंह सहित हाई कोर्ट के सभी जज, झालसा सचिव, झालसा के संतोष कुमार सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।

इसे भी पढ़ेंः Acid Attack: हाईकोर्ट ने कहा- पुलिस मामले को रफा-दफा करने में जुटी

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Devesh Ananad

देवेश आनंद को पत्रकारिता जगत का 15 सालों का अनुभव है। इन्होंने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान में काम किया है। अब वह इस वेबसाइट से जुड़े हैं।

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