New Delhi: Encroachment दिल्ली हाई कोर्ट ने कनॉट प्लेस से अनधिकृत फेरीवालों और विक्रेताओं को हटाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि जिन एरियों में सामान बेचने की मनाही है, वहां से फेरीवालों और विक्रेताओं को हटाने में प्राधिकारियों की विफलता लोगों के जीवन के अधिकार पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है।
अदालत ने एनडीएमसी और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों को अनधिकृत अतिक्रमणों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुमोदित योजना व आदेशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा। जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच ने कहा कि कानून की जीत होनी चाहिए और अदालत शहर पर अवैध अतिक्रमण करने वालों या विक्रेताओं को कब्जा करने की अनुमति नहीं दे सकती।
बेंच ने कहा कि उन्हें कतई बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए और सभी अनधिकृत फेरीवालों और विक्रेताओं को उनके बोरिया-बिस्तर के साथ हटाया जाना चाहिए। अदालत ने कनॉट प्लेस में अवैध अतिक्रमण करने वालों और विक्रेताओं को हटाने का आदेश दिया।
इसे भी पढ़ेंः Allahabad High Court: पूर्व सांसद उमाकांत यादव के पुत्र रविकांत की दो आपराधिक मामलों में मिली जमानत
कोर्ट ने प्राधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि अतिक्रमण करने वाले लोग वापस न आएं। अदालत ने एनडीएमसी के अध्यक्ष और संबंधित कार्यकारी इंजीनियरों, डीसीपी और थाने के प्रभारी को 18 नवंबर को अदालत के समक्ष उपस्थित रहने का निर्देश दिया।
सीपी में एनडीएमसी का क्षेत्राधिकार है। बेंच ने कहा कि एनडीएमसी और दिल्ली पुलिस अपने द्वारा उठाए गए कदमों की स्थिति रिपोर्ट दाखिल करें और ये कदम केवल अतिक्रमण हटाने के लिए, बल्कि यह भी सुनिश्चित करने के लिए उठाए जाने चाहिए कि अवैध रूप से अतिक्रमण करने वाले लोग और विक्रेता वापस न लौटें।
एनडीएमसी को पूरे राजीव चौक और इंदिरा चौक इलाकों में स्थायी बोर्ड लगाने चाहिए, जिनमें यह बताया गया हो कि यह क्षेत्र फेरीवालों और विक्रेताओं के लिए प्रतिबंधित है। कनॉट प्लेस में दुकान मालिकों का प्रतिनिधित्व करने वाले न्यू दिल्ली ट्रेडर्स असोसिएशन ने एक याचिका दायर कर प्राधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने का आग्रह किया है कि सीपी और कनॉट सर्कल में उन क्षेत्रों से फेरीवालों और विक्रेताओं को हटाया जाए, जहां उनके बिक्री करने की मनाही है।