Elephant death: लातेहार में हाथी की मौत मामले में हाईकोर्ट ने सचिव को पेश होने का दिया निर्देश

Ranchi: Elephant death झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में लातेहार हाथियों की मौत पर स्वत: संज्ञान से दर्ज मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने राज्य के वन सचिव और पीसीसीएफ (हेड ऑफ फॉरेस्ट) को अदालत में हाजिर होने का निर्देश दिया है। मामले में अगली सुनवाई 17 दिसंबर को सुनवाई होगी।

अदालत ने कहा कि पूर्व में भी अधिकारियों को अदालत में हाजिर होने का निर्देश दिया गया था, लेकिन अधिकारी हाजिर नहीं हुए। जबकि अदालत ने किसी को हाजिर होने से छूट नहीं दी है। कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताई और सरकार को इससे संबंधित जवाब के साथ कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है। बता दें कि लातेहार में 30 अगस्त और नौ सितंबर को दो हाथियों की मौत हो गई थी।

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लातेहार के बालूमाथ थाना क्षेत्र के गणेशपुर ग्राम अंतर्गत हाड़ी जंगल में नौ सितंबर को हाथी के एक बच्चे का शव मिला था। इसकी सूचना वन विभाग को दी। वन विभाग के अधिकारी सहित कई लोगों ने घटनास्थल पर पहुंचे थे। कोर्ट ने सरकार से बताने के लिए कहा था कि ऐसा क्यों हो रहा है। क्या कोई बीमारी फैल रही है या नियमित पेट्रोलिंग नहीं हो रही है। क्या जंगल में मरे हुए जानवरों के मांस खाने वाले जानवरों की कमी हो गई है। यदि ऐसा है तो यह बहुत गंभीर मामला है। सरकार की ओर से कोई ठोस जवाब नहीं मिलने पर अदालत ने अधिकारियों को हाजिर होने का निर्देश दिया।

जज उत्तम आनंद हत्याकांड मामले में 17 को सुनवाई
झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डा रवि रंजन व जस्टिस एसएस प्रसाद की अदालत में धनबाद के जज उत्तम आनंद की मौत के मामले में सुनवाई हुई। इस दौरान सीबीआइ ने प्रगति रिपोर्ट पेश करने के लिए अदालत से समय की मांग की, जिसे मंजूर करते हुए अदालत ने अगले सप्ताह रिपोर्ट पेश करने का निर्देश देते हुए मामले में अगली सुनवाई 17 दिसंबर को निर्धारित की।

सीबीआइ की ओर से बताया गया कि इस मामले में आरोपितों को दोबारा नार्को टेस्ट किया जा रहा है। जल्द ही विस्तृत रिपोर्ट पेश की जाएगी। इसके लिए समय की जरूरत है। पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआइ की ओर से बताया गया था कि इस मामले की जांच नयी रणनीति के तहत की जा रही है और जज की हत्या के पीछे उच्च षडयंत्र का पता लगाया जा रहा है। इस पर अदालत ने सरकार से कहा था कि आरोपितों को दोबारा नार्को टेस्ट के लिए ले जाने पर सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया जाना चाहिए।

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