New Delhi: तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता (Ex Tamil Nadu CM Jayalalithaa) की मौत की जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है। अन्नाद्रमुक की सुप्रीमो रहीं जयललिता की राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी डीएमके (DMK) की ओर से उक्त याचिका दाखिल की गई है।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के इलाज की प्रक्रिया की जांच फिर से शुरू कराने की याचिका दाखिल करते हुए जल्द सुनवाई का आग्रह किया गया है। याचिका में कहा गया है कि जयललिता का निधन लंबी और रहस्यमय बीमारी के बाद दिसंबर 2016 में हुआ था।
जयललिता का 75 दिनों तक चेन्नई के अपोलो अस्पताल में गहन इलाज चला। जयलालिता के निधन के बाद उनके उत्तराधिकारियों और AIDMK सरकार ने रिटायर्ड जस्टिस अरुमुगस्वामी की अगुआई में 25 सितंबर 2017 को जांच आयोग बिठाया था।
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करीब पौने दो साल बाद अपोलो अस्पताल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की और आयोग पर पक्षपात का आरोप लगाया। 26 अप्रैल 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने संबंधित अस्पताल की याचिका पर आयोग की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। अस्पताल ने सुप्रीम कोर्ट ने गुहार लगाई थी कि सत्तारूढ़ दल के दबाव पर आयोग उनके प्रति दुराग्रह और एकतरफा पक्षपात से ग्रसित होकर काम कर रहा है।
उसका कहना था कि आयोग की ओर से जो कहा जा रहा है उससे यही लगता है जैसे जांच पूरी होने से पहले ही आयोग मन बना चुका है। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस कृष्ण मुरारी ने इस मामले की सुनवाई करते हुए पहले आयोग की कार्यवाही पर रोक लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट में अब दाखिल याचिका में कहा गया है कि कोर्ट इसमें तमिलनाडु की मौजूदा सरकार का पक्ष भी सुने और जांच आगे बढ़ाई जाए।