रिम्स डेंटल इंस्टीट्यूट के प्राचार्य पद से हटाए जाने के खिलाफ डा. जय प्रकाश ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। उनकी ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि उन्हें पद से हटाने से पहले रिम्स प्रबंधन की ओर ने तो कोई नोटिस भी नहीं दिया गया और न ही उनका पक्ष लिया गया।
रिम्स प्रबंधन के आदेश बिल्कुल मनमाना और अन्यायपूर्ण है। इसे निरस्त किया जाए। यह भी कहा गया है कि रिम्स अधिशासी परिषद के निर्णय के अनुसार डेंटल इंस्टीट्यूट के प्राचार्य पद पर वरीय चिकित्सक की नियुक्ति होनी है।
डेंटल इंस्टीट्यूट के प्राचार्य को हटाने का मामला
प्रार्थी डेंटल इंस्टीट्यूट में सबसे वरीय चिकित्सक हैं। इसको देखते हुए मार्च 2023 में उन्हें प्राचार्य बनाया गया। जब वे अवकाश पर गए थे तो उन्हें पद से हटा दिया गया। ऐसा किस अधिकार और नियम के तहत किया गया है।
इसकी जानकारी भी नहीं दी गई है। रिम्स निदेशक की ओर से मिले पत्र में विभागीय मंत्री के कहने पर ऐसा करने की बात कही गई है। वर्तमान में डेंटल इंस्टीट्यूट का प्राचार्य प्रार्थी से कनीय चिकित्सक को बना दिया गया है।
चिकित्सक की ओर से आशंका जताई गई है कि डेंटल इंस्टीट्यूट के द्वितीय वर्ष के कई छात्र फेल हो गए हैं। उन्होंने कई बार आगे की पढ़ाई जारी रखने की प्राचार्य से गुहार लगाई थी।
लेकिन प्राचार्य ने डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों का हवाला देते हुए फेल हुए छात्रों की आगे पढ़ाई जारी रखने की अनुमति प्रदान नहीं की थी। इसलिए उन्हें पद से हटाया गया है।
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