Jharkhand High Court: झारखंड हाई कोर्ट ने प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय के शिक्षकों के सेवा समायोजन व बकाया वेतन के मामले में एकल पीठ के आदेश को निरस्त कर दिया है।
एक्टिंग चीफ जस्टिस एस चंद्रशेखर व जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की खंडपीठ ने राज्य सरकार की अपील याचिकाओं को स्वीकार करते हुए उक्त फैसला सुनाया है।
अदालत ने एकल पीठ के आदेश को निरस्त करते हुए मामले को निष्पादित कर दिया। एकल पीठ ने पांच सितंबर 2018 को प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय के शिक्षकों की सेवा समायोजित करने तथा बकाया वेतन भुगतान करने का आदेश सरकार को दिया था।
11 दिसंबर 2023 को खंडपीठ ने सभी पक्षों की बहस पूरी होने के बाद मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। शुक्रवार को अदालत ने अपना फैसला सुनाया है।
प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय के शिक्षकों पर नीतिगत फैसला
पूर्व की सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने पक्ष रखते हुए खंडपीठ को बताया था कि राज्य सरकार ने एक नीति निर्धारित की थी।
इसमें तय किया गया था कि प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय के कौन-कौन शिक्षक समायोजित किए जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत गठित आलम समिति की रिपोर्ट के आलोक में ऐसा किया गया था।
लेकिन एकल पीठ ने राज्य सरकार के 25 अप्रैल 2018 के नीतिगत फैसले को बदलने का आदेश दिया था, जो उचित नहीं है। ऐसे में एकल पीठ के आदेश को निरस्त कर देना चाहिए।
बता दें कि राज्य सरकार की ओर से मामले में अलग-अलग 126 अपील याचिका दाखिल कर एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी गई थी।